Saturday, February 15, 2025
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आखिर भारत और पाकिस्तान अलग-अलग दिन क्यों मनाता है स्वतंत्रता दिवस?

यह सवाल उठना लाजिमी है कि भारत और पाकिस्तान अलग-अलग दिन स्वतंत्रता दिवस क्यों मनाता है! दरअसल, हाल ही में भारत ने अपना 78 वाँ स्वतंत्रता दिवस बनाया, इसके बाद कई सवाल उठने लगे कि जब भारत और पाकिस्तान एक ही समय आजाद हुए थे तो उनका स्वतंत्रता दिवस अलग-अलग क्यों? तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत और पाकिस्तान की आजादी को 78 साल हो गए हैं। बता दें कि पाकिस्तान बुधवार, 14 अगस्त को अपना 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है तो भारत 15 अगस्त को अपना स्वतंत्रता दिवस मनाएगा। अगस्त 1947 में ब्रिटिश शासकों ने भारत को दो स्वतंत्र राष्ट्रों- भारत और पाकिस्तान में बांटा था। बता दें कि 18 जुलाई 1947 के भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम ने भारत और पाकिस्तान को जन्म दिया था । अधिनियम में कहा गया था कि 15 अगस्त को भारत में दो स्वतंत्र डोमिनियन स्थापित किए जाएंगे, जिनको भारत और पाकिस्तान के नाम से जाना जाएगा। जानकारी के लिए बता दें कि ऐसे में यह बात ध्यान खींचती है कि भारत और पाकिस्तान एक साथ आजाद हुए लेकिन दोनों देश अलग-अलग दिन अपना स्वतंत्रता का जश्न मनाते हैं! रिपोर्ट के मुताबिक, 1947 में तो भारत और पाकिस्तान दोनों देशों का स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त ही था। पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना ने पाकिस्तान बनने के बाद अपने ऐतिहासिक रेडियो संबोधन में कहा था कि 15 अगस्त स्वतंत्र और संप्रभु स्टेट पाकिस्तान का जन्मदिन है। पाक अखबार द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार जिन्ना और पाकिस्तान कैबिनेट ने 15 अगस्त, 1947 की सुबह ही शपथ ली थी। जुलाई 1948 में जारी पाकिस्तान के पहला स्मारक डाक टिकट में भी 15 अगस्त 1947 को देश के स्वतंत्रता दिवस के रूप में संदर्भित किया गया था। डॉन के अनुसार, पाकिस्तान के पीएम रहे चौधरी मुहम्मद अली ने अपनी किताब द इमर्जेंस ऑफ पाकिस्तान में 15 अगस्त को आजादी का दिन लिखा।

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन को 15 अगस्त की आधी रात को भारत और पाकिस्तान को सत्ता हस्तांतरित करनी थी। माउंटबेटन के लिए एक ही समय में नई दिल्ली और कराची दोनों में रहना संभव नहीं था। माउंटबेटन ने 14 अगस्त को कराची में पाकिस्तान को सत्ता हस्तांतरित की और फिर नई दिल्ली पहुंचे। बता दें कि प्रसिद्ध पाकिस्तानी इतिहासकार खुर्शीद कमाल अजीज ने अपनी किताब मर्डर ऑफ हिस्ट्री में लिखा है कि वायसराय को व्यक्तिगत रूप से नए देशों में सत्ता हस्तांतरित करनी पड़ी क्योंकि वह भारत में ब्रिटिश राज के अकेले प्रतिनिधि थे। उनके लिए यह व्यावहारिक बात यह थी कि 14 अगस्त को पाकिस्तान को सत्ता हस्तांतरित कर दी जाए लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि पाकिस्तान को 14 अगस्त को आजादी मिली थी। स्वतंत्रता अधिनियम में दो तारीखों का कोई प्रावधान नहीं था।

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि दस्तावेज के हिसाब से भारत की तरह पाकिस्तान को भी हर साल 15 अगस्त को अपनी आजादी का जश्न मनाना चाहिए था लेकिन एक साल बाद ही 1948 में पाकिस्तान ने अपना स्वतंत्रता दिवस 15 की जगह 14 अगस्त कर दिया। दरअसल पाकिस्तान में एक बड़ा धड़ा नहीं चाहता कि भारत के साथ उनका स्वतंत्रता नहीं होना चाहिए और इसके लिए बातचीत शुरू हुई। बता दें कि जून 1948 में तत्कालीन पाकिस्तानी प्रधानमंत्री लियाकत अली खान के नेतृत्व में मंत्रियों के एक समूह ने एक बैठक बुलाई। इसी बैठक में पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस को भारत से अलग करने के लिए एक दिन पहले करने पर फैसला लिया गया। इसके बाद जिन्ना ने भी पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस को आगे बढ़ाकर 14 अगस्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।

बता दे जिन्ना: मिथ एंड रियलिटी के लेखक यासर लतीफ हमदानी ने 2013 में पीटीआई को बताया था कि जिन्ना स्वतंत्रता दिवस की तारीख नहीं बदल सकते थे क्योंकि वह अगस्त 1948 तक अपनी मृत्यु शैया पर थे। हालांकि हमदानी ने ये माना कि पाकिस्तान एक नया राष्ट्र था तो उसे अपनी पहचान के लिए स्वतंत्रता की अलग तारीख की जरूरत थी। ऐसे में इसे 14 तारीख को मनाने का फैसला लिया और 1948 से पाकिस्तान 14 अगस्त को अपना स्वतंत्रता दिवस मनाता आ रहा है।

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