हाल ही में हिंडनबर्ग सेबी के बारे में एक बयान दे दिया है! दरअसल, एक बार फिर से हिंडनबर्ग की रिपोर्ट सामने आई है और हिंडनबर्ग ने साफ-साफ सेबी पर इल्जाम लगा दिए हैं! जानकारी के लिए बता दे कि अमेरिका की शॉर्ट सेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी मामले में सेबी प्रमुख पर आरोप लगाया है। हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा है कि अडानी घोटाले में इस्तेमाल की गई ऑफशोर संस्थाओं में सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच की हिस्सेदारी थी। बता दें कि हिंडनबर्ग ने डॉक्यूमेंट्स का हवाला देते हुए कहा है कि बुच और उनके पति के पास एक ऐसे ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी थी जिसमें गौतम अडानी के भाई विनोद अडानी द्वारा बड़ी मात्रा में पैसा निवेश किया गया था। बता दें कि पिछले साल जनवरी में हिंडनबर्ग की एक रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया था। इस रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई थी। अडानी को 150 बिलियन डॉलर से ज्यादा का नुकसान हुआ था। जानकारी के लिए बता दें कि हाल ही में सेबी ने हिंडनबर्ग को एक कारण बताओ नोटिस जारी किया था। इसमें आरोप लगाया गया था कि फर्म ने गैर-सार्वजनिक जानकारी का इस्तेमाल करके रिपोर्ट से लाभ उठाने उठाने की कोशिश की। इसके लिए हिंडनबर्ग ने अमेरिकी हेज फंड के साथ मिलीभगत की।
हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी वेबसाइट पर इस खुलासे दावा करते हुए इससे संबंधित रिपोर्ट शेयर की। यही नहीं हिंडनबर्ग रिसर्च ने आरोप लगाया है कि व्हिसलब्लोअर से मिले डॉक्यूमेंट्स से पता चलता है जिन ऑफशोर संस्थाओं का इस्तेमाल अडानी मनी साइफनिंग स्कैंडल में हुआ, उसमें SEBI अध्यक्ष माधबी पुरी बुच की हिस्सेदारी थी। हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि मौजूदा सेबी अध्यक्ष और उनके पति धवल बुच के पास ठीक उसी अस्पष्ट ऑफशोर बरमूडा और मॉरीशस फंड में हिस्सेदारी थी, जिसका इस्तेमाल विनोद अडानी ने किया था। दुबई में रहने वाले विनोद गौतम अडानी के बड़े भाई हैं।
इसी बीच रिपोर्ट में व्हिसलब्लोअर दस्तावेजों का हवाला देते हुए दावा किया गया है कि बुच ने 5 जून 2015 को सिंगापुर में आईपीई प्लस फंड 1 के साथ अपना खाता खोला था। कहा जाता है कि ऑफशोर मॉरीशस फंड को इंडिया इंफोलाइन के माध्यम से अडानी के एक निदेशक द्वारा स्थापित किया गया था और यह टैक्स हेवन मॉरीशस में रजिस्टर्ड है। हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया कि विनोद अडानी के पैसे के लिए कथित तौर पर इस्तेमाल किए जाने के अलावा इस छोटे से फंड का अडानी से अन्य करीबी संबंध भी था। बता दें कि IPE प्लस फंड के फाउंडर और मुख्य निवेश अधिकारी अनिल आहूजा थे। उसी समय आहूजा अडानी एंटरप्राइजेज के निदेशक थे। इससे पहले वे अडानी पावर के निदेशक थे। बता दें कि हिंडनबर्ग रिसर्च अमेरिका की एक फोरेंसिक फाइनेंशियल रिसर्च कंपनी है। इसकी स्थापना साल 2017 में नाथन एंडरसन ने की थी। कंपनी के नाम के पीछे भी रोचक कहानी है। साल 1937 को अमेरिका में हिंडनबर्ग एयरशिप हादसा हुआ था। इस हादसे में करीब 36 लोगों की मौत हुई थी। बता दें कि इस कंपनी का काम इक्विटी, क्रेडिट और डेरिवेटिव्स को एनालाइज करना है। यह किसी भी कंपनी में हो रही गड़बड़ी का पता लगाती है। इसके बाद उस कंपनी और गड़बड़ी की रिपोर्ट पब्लिश करती है।
एंडरसन सितंबर 2020 में उस समय चर्चा में आए जब हिंडनबर्ग ने इलेक्ट्रिक व्हीकल कंपनी निकोला कॉर्पोरेशन पर एक रिपोर्ट पब्लिश की। रिपोर्ट में निकोला पर आरोप लगाया गया कि कंपनी अपनी टेक्निकल क्षमताओं के बारे में निवेशकों को गुमराह कर रही है। इस रिपोर्ट के आने के बाद निकोला कंपनी के शेयर बुरी तरह गिर गए थे। बाद में कंपनी जांच के निशाने पर भी आ गई। इसके बाद एंडरसन के काम की तारीफ और आलोचना दोनों हुईं।