Friday, March 28, 2025
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आखिर कैसा रहा पहलवान की बेटी विनेश फोगाट का सफर?

आज हम आपको एक पहलवान की बेटी विनेश फोगाट के सफर के बारे में जानकारी देने वाले हैं! दरअसल, हाल ही में ओलंपिक गेम्स में विनेश फोगाट को मात्र 100 ग्राम की वजन के कारण अयोग्य घोषित कर दिया गया, जिसके बाद देश में दुख की लहर फैल गई! जानकारी के लिए बता दे कि भारत की 29 साल की स्टार रेसलर विनेश फोगाट के लिए बीते 2 दिन बड़े उलटफेर वाले रहे। एक पल था कि जब वह देश के लिए पेरिस ओलंपिक में गोल्ड जीतने वाली थी। लेकिन अगले ही पल वह ओवरवेट होने की वजह से 50 किग्रा के फाइनल से डिसक्वालीफाई हो गई। बता दें कि कुछ ग्राम ओवरवेट होने की वजह से उन्हें आयोग्य घोषित कर दिया गया। इसके बाद ट्विटर पर विनेश ने कुश्ती से रिटायरमें का ऐलान कर दिया। उन्होंने लिखा, ‘मां कुश्ती मेरे से जीत गई मैं हार गई माफ करना आपका सपना मेरी हिम्मत सब टूट चुके इससे ज्यादा ताकत नहीं रही अब। अलविदा कुश्ती 2001-2024 आप सबकी हमेशा ऋणी रहूंगी माफी।’ इसी के साथ अब विनेश फोगाय रेसलिंग से रिटायर हो गई हैं। हालांकि ओलंपिक मेडल ना जीतने के बावजूद उनका करियर गजब का रहा है। आइये उनके शानदार करियर पर एक नजर डालते हैं।

जानकारी के लिए बता दे कि विनेश ने बचपन में कई बाधाओं का सामना किया है। वह एक ऐसे वातावरण में रहती थी जहां महिलाओं को खेलों में भाग लेने से मना करते थे। हालांकि, विनेश की कुश्ती की पारिवारिक पृष्ठभूमि ने उन्हें अपनी परंपरा को जारी रखने के लिए आवश्यक दृढ़ता और प्रेरणा दी। यहि नहीं उन्होंने अपने चाचा महावीर फोगाट के मार्गदर्शन में उसी समय लगन से ट्रेनिंग शुरू की। बता दें कि 9 साल की उम्र में ही विनेश फोगाट के पिता की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। बचपन में ही विनेश के सिर से पिता का साया हट गया था। हालांकि इसके बाद भी वह नहीं टूटी। यही नहीं 2018 एशियन गेम्स- गोल्ड मेडलिस्ट, 2018 कॉमनवेल्थ गेम्स- गोल्ड मेडलिस्ट, 2019 वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप- ब्रॉन्ज मेडलिस्ट, 2 बार एशियन चैंपियनशिप गोल्ड मेडलिस्ट,  3 बार कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप गोल्ड मेडलिस्ट उन्होंने हासिल किए हैं! इसी बीच भारत की रेसलर विनेश फोगाट ओलंपिक फाइनल में पहुंचने के बाद भी मेडल नहीं जीत पाईं। 29 साल की विनेश 50 किग्रा कैटेगरी में हिस्सा ले रही हैं। फाइनल मुकाबले के दिन सुबह रेसलर का वजन किया जाता है। इसमें उनका वजन 100 ग्राम अधिक था। बता दें कि इसकी वजह से विनेश को डिस्क्वालिफाई कर दिया गया। इस बीच विनेश ने रेसलिंग से संन्यास भी ले लिया है। अब हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने बड़ ऐलान किया है। 

इसी बीच हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने घोषणा कर दी है कि भले ही विनेशा फोगाट फाइनल नहीं खेल पाईं लेकिन उन्हें ईनाम से लेकर वो सभी सुविधाएं दी जाएंगी, जो एक सिल्वर मेडलिस्ट को दी जाती है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘हरियाणा की हमारी बहादुर बेटी विनेश फौगाट ने जबरदस्त प्रदर्शन करके ओलंपिक में फाइनल में प्रवेश किया था। किन्हीं भी कारणों से वो भले ही ओलंपिक का फाइनल नहीं खेल पाई हो लेकिन हम सबके लिए वो एक चैंपियन है। हमारी सरकार ने ये फैसला किया है कि विनेश फौगाट का स्वागत और अभिनंदन एक मेडलिस्ट की तरह ही किया जाएगा। बता दें कि हरियाणा सरकार ओलंपिक रजत पदक विजेता को जो सम्मान, ईनाम और सुविधाएं देती है वे सभी विनेश फौगाट को भी कृतज्ञता पूर्वक दी जायेंगी। हमें आप पर गर्व है विनेश!’

 विनेश फोगाट ने पेरिस ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन करते हुए फाइनल में जगह बनाई थी। पहले राउंड में ही उन्होंने इतिहास रच दिया था। उन्होंने जापान की रेसलर युई सुसाकी को हराया था। युई को इस मैच से पहले अपने इंटरनेशनल करियर में सभी 82 मैच जीते थे। तोक्यो ओलंपिक में तो विपक्षी रेसलर उनके खिलाफ एक पॉइंट तक हासिल नहीं कर पाया था। इसके बाद भी विनेश ने 3-2 से उनके खिलाफ जीत हासिल की। इसके बाद उन्होंने यूक्रेन और क्यूबा की रेसलर को हराया।

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