Friday, March 28, 2025
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क्या भारत में बढ़ सकता है एमपॉक्स का खतरा?

वर्तमान में अगर भारत की बात करें तो भारत में एमपॉक्स का खतरा बढ़ सकता है! दरअसल, रिपोर्ट्स की माने तो रिपोर्ट्स यही कहती है कि एमपॉक्स अब भारत में दस्तक देने वाला है! जानकारी के लिए बता दें कि दुनिया के 116 देशों में एमपॉक्स वायरस फैल गया है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने इसे ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया है। इससे पीड़ित शख्स के शरीर पर दाने निकल आते हैं। 1958 में बंदरों में इस वायरस की खोज हुई थी। यही नहीं इसके बाद यह इंसानों में फैलती चली गई। इस बीमारी का प्रकोप अभी भारत में कितना है? हर किसी के मन में यह सवाल आ रहा है। आपको बता दें कि एमपॉक्स वायरस को ही मंकीपॉक्स वायरस के नाम से जाना जाता है। फिलहाल भारत में अभी इस वायरस का असर नहीं दिख रहा है। बता दें कि WHO ने अपने ताजा अपडेट में कहा कि भारत में जनवरी 2022 और जून 2024 के बीच एमपॉक्स के 27 मामले सामने आए हैं।

साथ ही इस वायरस से एक की मौत भी हुई थी। बता दें कि हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि भारत में इस प्रकार के वायरस से कोई खतरा होने की आशंका नहीं है। कुछ वैक्सीन उपलब्ध हैं, जिनसे इसका उपचार हो सकता है। इसके अलावा इंटरनेशनल एयरपोर्ट्स पर सख्त निगरानी और समय पर संक्रमितों की पहचान से वायरस को कंट्रोल किया जा सकता है।

जानकारी के लिए बता दे कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एमपॉक्स वायरस के कहर को देखते हुए इमरजेंसी घोषित कर दी है। WHO ने बताया कि कई देशों में इससे जुड़े मामलों में तेजी देखने को मिल रही है, जिसे ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है।यही नहीं इसके साथ ही डब्‍ल्‍यूएचओ ने लोगों को अलर्ट रहने का भी निर्देश दिया है, ताकि आगामी दिनों में स्थिति और खराब न हो जाए। एमपॉक्स एक वायरल बीमारी है, जो आमतौर पर क‍िसी के संपर्क में आने से फैलती है। अब तक कई लोगों में इस तरह का संक्रमण देखा जा चुका है। बता दें कि यह एक तरह से फ्लू जैसी बीमारी है। इससे शरीर में मवाद से भरे दाने भी होते हैं।

बता दे कि इस बीमारी को ध्यान में रखते हुए डब्लूएचओ ने तीन सालों में दूसरी बार इमरजेंसी की घोषणा की है। इससे पहले, 2022 में भी ऐसा देखने को मिला था। उस समय इस वायरस ने एक या दो नहीं, बल्कि 100 से भी अधिक देशों में अपना कहर दिखाया था। यही नहीं इससे 200 से भी ज्यादा लोगों की मौत उन दिनों हुई थी। बता दें कि यह वायरस मुख्य रूप से गे और बाइसेक्सुअल पुरुषों को प्रभावित करता है।

एमपॉक्स वायरस से पीड़ित शख्स की स्कीन पर लाल चकत्ते या म्यूकोसल घाव हो जाते हैं, जो 2-4 सप्ताह तक रह सकते हैं। मरीज को तेज बुखार, गले में खराश, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द, अत्यधिक थकावट और सूजे हुए लिम्फ नोड्स यानी शरीर पर गांठें-गांठें भी हो सकती हैं। एमपॉक्स से पीड़ित ज्यादातर लोग पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं, लेकिन कुछ गंभीर रूप से बीमार भी हो सकते हैं।

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