यह सवाल उठना लाजिमी है कि क्या बिहार का शैलेश पैरालंपिक गेम्स में मेडल लाएगा या नहीं! क्योंकि वर्तमान में सबसे ज्यादा आशाएं बिहार के प्रखंड से ही जुड़ी हुई है! जानकारी के लिए बता दें कि जिले के अलीगंज प्रखंड के इस्लामनगर निवासी शैलेश का चयन 28 अगस्त से पेरिस में होने वाले पैरालंपिक गेम्स के लिए हुआ है। शैलेश 28 अगस्त से 8 सितंबर तक पेरिस में होने वाले पैरालंपिक में भारतीय टीम की ओर से हिस्सा लेंगे। इस दौरान वह पुरुष हाई जंप में अपनी प्रतिभा को दिखाने का काम करेंगे। पिछले साल चीन में हुए एशियन गेम्स में शैलेश ने पुरुओं की टी63 हाई जंप इवेंट में गोल्ड मेडल जीता था। वहां उन्होंने 1.82 मीटर की जंप लगाई थी। बता दे कि वर्तमान समय में शैलेश बाल विकास परियोजना पदाधिकारी के पद पर कार्यरत है। खेल कोटा से ही बिहार सरकार ने उन्हें एक वर्ष पूर्व पहले मेडल लाओ और पहले नौकरी पाओ के तहत नौकरी देने का काम किया है। इसी बीच शैलेश ने बताया कि मैं भारत की ओर से इस खेल में बेहतरीन प्रदर्शन करने का काम करूंगा ताकि मेरे परिवार के साथ-साथ पूरे देश का नाम भी गर्व से ऊंचा हो सके। यह मेरे लिए बहुत ही सौभाग्य की बात है कि मुझे पेरिस में होने वाले पैरालंपिक गेम्स में हिस्सा लेने का मौका मिल रहा है।
जानकारी के लिए बता दे कि शैलेश कुमार ने आगे बात करते हुए कहा- मैं अपने प्रदर्शन से देश के लोगों को निराश नहीं करने का काम करूंगा। वर्तमान समय में वह गुजरात के गांधीनगर में बेहतरीन प्रदर्शन करने के लिए अभ्यास कर रहे हैं। उनका बस एक ही सपना है कि अधिक से अधिक स्वर्ण पूरे देश के लोगों को खुशी का अवसर प्रदान करना है। क्योंकि खेल मेरा जुनून है।
बता दे कि शैलेश जुलाई 2023 में पेरिस में हुए विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया और सिल्वर मेडल जीता था। इससे उन्होंने पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया। उन्होंने मार्च 2022 में भुवनेश्वर में होने वाली राष्ट्रीय चैंपियनशिप जीती। उन्होंने पैरालिंपिक पदक विजेता शरद कुमार के 2014 में बनाए गए 1.80 मीटर के नौ साल पुराने एशियाई पैरा खेलों के रिकॉर्ड को भी तोड़ा। इसी बीच नॉर्वे के कार्स्टन वारहोल्म पेरिस ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने से चूक गए हैं। 28 साल के वारहोल्म 400 मीटर हर्डल्स इवेंट में हिस्सा लेते हैं। बता दें कि 2021 में उन्होंने इस इवेंट के 29 साल पुराने वर्ल्ड रिकॉर्ड को तोड़ा था। फिर तोक्यो ओलंपिक में अपने ही रिकॉर्ड को तोड़कर गोल्ड मेडल जीतने में सफल रहे। उसके बाद 2023 वर्ल्ड चैंपियनशिप में भी उन्होंने गोल्ड पर कब्जा जमाया। लेकिन पेरिस ओलंपिक में कार्स्टन वारहोल्म को सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा। वेस्टइंडीज के पूर्व क्रिकेटर विंस्टन बेंजामिन के बेटे राय बेंजामिन ने इस इवेंट में गोल्ड मेडल जीता है। वह अमेरिका की तरफ से ओलंपिक में हिस्सा ले रहे हैं। बता दें कि यह पहला मौका है जब उन्होंने 400 मीटर हर्डल्स के फाइनल में कार्स्टन वारहोल्म को पछाड़कर गोल्ड मेडल जीता है। 2019 और 2023 में जब वारहोल्म ने वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड जीता था तो राय बेंजामिन सिल्वर और ब्रॉन्ज जीत सके थे। तोक्यो ओलंपिक में भी बेंजामिन दूसरे स्थान पर रहे और सिल्वर मेडल ही जीत सके।
हीट राउंड में कार्स्टन वारहोल्म और राय बेंजामिन अलग अलग ग्रुप में थे। दोनों टॉप पर रहे लेकिन वारहोल्म ने कम समय लिया। बता दें कि सेमीफाइनल की रेस में भी कुछ ऐसा ही हुआ। लेकिन फाइनल में बेंजामिन ने 46.46 सेकंड में रेस पूरी करते हुए गोल्ड जीता। वारहोल्म ने 47.06 सेकंड में रेस पूरी की। उन्होंने तोक्यो ओलंपिक में 45.94 सेकंड में रेस जीतकर वर्ल्ड और ओलंपिक रिकॉर्ड बनाया था। ब्राजीन के एलिसन डॉस सैंटोस ने तोक्यो और पेरिस दोनों जगह ब्रॉन्ज जीता।