आज हम आपको बताएंगे कि भारत पेरिस ओलंपिक में कितना पीछे चला गया है! दरअसल, भारत ने कई मेडल हासिल तो किए हैं, लेकिन फिर भी वह कई देशों से पीछे चला चला गया है! जानकारी के लिए बता दे कि विशाल स्टेड डी फ्रांस में अद्भुत क्लोजिंग सेरेमनी के खत्म होते ही ओलंपिक का सफर खत्म हो गया। 2020 में भारतीय एथलीटों ने 7 मेडल जीते थे। हर किसी को उम्मीद थी कि इस बार संख्या 10 के पार पहुंचेगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। भारतीय दल ने 71वें स्थान पर रहते हुए अपने सफर का शर्मनाक अंत किया। जिस जोश और जज्बे के साथ भारतीय दल रवाना हुआ था उतनी खुशी लौटते वक्त उनके चेहरे पर नहीं रही। आंकड़ों और तकनीकी आधार पर पाकिस्तान से भी पीछे रहना भी एक बड़ी वजह है, जो एक गोल्ड के साथ 62वें स्थान पर रहा। बता दें कि 205 देशों ने हिस्सा लिया था, जबकि 84 देशों ने कम से कम एक मेडल जीते।
140 करोड़ की आबादी वाला देश भारत इसमें 71वें नंबर पर रहा। 2017-18 में लॉन्च हुए खेलो इंडिया के तहत पीएम नरेंद्र मोदी का विजन ही ओलंपिक में अधिक से अधिक मेडल जीतने का था। तोक्यो में जब 7 मेडल आए तो वह भारतीय इतिहास का सबसे सफल ओलंपिक बन गया। नीरज चोपड़ा ने जेवलिन में एतिहासिक गोल्ड जीता था। इस बार भी उनसे उम्मीद थी, लेकिन वह सिल्वर मेडल तक सीमित रह गए।
महिला पहलवान विनेश फोगाट, वजन की वजह से अयोग्य घोषित के मामले में रोमांस के शहर पेरिस ने जैसा दर्द दिया, उसका असर आने वाले कई दशकों तक शायद ही कम हो। शायद भारतीय एथलीट इस बात से खुश हों कि उनके नाम के आगे ओलंपियन लग गया है, लेकिन बीजिंग में गोल्ड मेडल जीतने वाले अभिनव बिंद्रा ने मोदी के विजन पर उस समय बट्टा लगा दिया, जब उन्होंने कहा- पैसा मेडल नहीं ला सकता है। इसी के साथ ही उन्होंने कहा कि हालांकि एथलीटों पर पैसा खर्च करना बंद नहीं कर सकते, लेकिन हमें समझना होगा कि कहां और किस तरह से पैसा खर्च करना है।
बता दें कि भारत ने पेरिस ओलंपिक में 117 खिलाड़ियों को उतारा था जिनमें 47 महिला खिलाड़ी शामिल थी। समापन समारोह में दो बार के ओलंपिक पदक विजेता पीआर श्रीजेश, हॉकी और मनु भाकर, निशानेबाजी ने राष्ट्रों की परेड में ध्वजवाहक के रूप में भारत का प्रतिनिधित्व किया। भारत ने पेरिस ओलंपिक खेलों में अपने अभियान का समापन छह पदकों के साथ किया। मनु ने महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल में और सरबजोत सिंह के साथ 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम स्पर्धा में कांस्य पदक जीते। वह स्वतंत्रता के बाद पहली भारतीय खिलाड़ी है जिन्होंने एक ओलंपिक में दो पदक जीते।
जानकारी के लिए बता दे कि डोमिनिका की बात करें तो वह इस साल ओलंपिक में पदक जीतने वाला सबसे छोटा देश था, जिसकी संख्या 72,737 थी। चीन के 1.4 बिलियन लोगों ने 91 पदक जीते, जिनमें से 40 स्वर्ण पदक थे, जबकि भारत ऐसा देश था जिसकी जनसंख्या 1 बिलियन से अधिक थी, लेकिन 6 मेडल ही झोली में आए। ग्रेनेडा पॉपुलेशन के लिहाज से तालिका में शीर्ष पर है, जिसके दो पदकों में से प्रत्येक के लिए केवल 62,719 लोग आए थे।
बता दें कि उनके बाद डोमिनिका, सेंट लूसिया और न्यूजीलैंड का स्थान है, जिनके 20 पदकों की औसत पॉपुलेशन 259,000 आई। ब्रिटेन प्रति पदक 1 मिलियन लोगों के साथ सूची में 25वें स्थान पर है, लेकिन पाकिस्तान और भारत सूची में सबसे नीचे हैं। भारत के छह पदकों में प्रति पदक औसतन 236 मिलियन लोग आए, जबकि पाकिस्तान में प्रति स्वर्ण 243 मिलियन लोग आए।