हाल ही में चीन नेपाल बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव मुद्दे पर भिड़ चुके हैं! यह एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है जिसमें दोनों देशों की सहमति नहीं बन पा रही है! जानकारी के लिए बता दे कि नेपाल और चीन के बीच बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव को लेकर मामला उलझता जा रहा है। मंगलवार को दोनों देशों के बीच आयोजित नेपाल-चीन कूटनीतिक परामर्श तंत्र की 16वें दौर की बैठक के दौरान बीआरआई कार्यान्वयन योजना पर सहमति नहीं बन सकी। बीआरआई को लेकर यह पेंच तब फंसा है, जब चीनी उप विदेश मंत्री सन वेइदोंग नेपाल की यात्रा पर हैं। जैसा की उनकी यात्रा के दौरान बीआरआई कार्यान्वयन योजना को फाइनल रूप देने पर जोर दिए जाने के बाद, विदेश मंत्रालय ने हाल ही में प्रधानमंत्री कार्यालय से नेपाल-चीन कूटनीतिक परामर्श तंत्र की 16वीं बैठक के दौरान कार्यान्वयन योजना पर हस्ताक्षर करने की मंजूरी मांगी। हालांकि, नेपाली प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस मुद्दे पर चुप रहना ही उचित समझा। काठमांडू पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, इस सप्ताह की शुरुआत में नेपाली विदेश सचिव सेवा लामसाल ने प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने कहा कि बेल्ट एंड रोड पहल की कार्यान्वयन योजना पर हस्ताक्षर करने के लिए मंत्री स्तर पर पहले ही निर्णय लिया जा चुका है। उन्होंने मंत्रालय से सन की यात्रा के दौरान समझौते पर हस्ताक्षर करने का आग्रह किया। लेकिन विदेश सचिव स्तर की बैठक के समापन के बाद मंगलवार को विदेश मंत्रालय से जारी प्रेस वक्तव्य में बीआरआई कार्यान्वयन योजना पर हस्ताक्षर या बीआरआई से संबंधित किसी अन्य विषय पर किसी चर्चा का उल्लेख नहीं है। हालांकि, बैठक के दौरान योजना पर हस्ताक्षर और चर्चा दोनों पक्षों के एजेंडे में थी।
मंगलवार को नेपाली प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ने संसद में बोलते हुए कहा कि बीआरआई कार्यान्वयन योजना को अंतिम रूप देने के लिए चर्चा चल रही है। उन्होंने कहा कि हम इस पर आगे बढ़ने के अंतिम चरण में हैं और जल्द ही एक समझौता हो जाएगा। प्रधानमंत्री ने मंगलवार को सांसदों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि कार्यान्वयन योजना पर एक या दो दिन में या बाद की तारीख में हस्ताक्षर किए जाएंगे।
बता दे की शीर्ष सरकारी सूत्रों ने काठमांडू पोस्ट को बताया था कि यदि नेपाल राजधानी काठमांडू में सन वेइदोंग के प्रवास के दौरान योजना पर हस्ताक्षर नहीं हो पाए, तो 2024 के अंत में चीनी विदेश मंत्री वांग यी, जो चीन के स्टेट काउंसलर भी हैं, की काठमांडू यात्रा के दौरान इस पर हस्ताक्षर किए जाने की संभावना है। “पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना और नेपाल सरकार के बीच बेल्ट एंड रोड पहल के संयुक्त निर्माण पर कार्यान्वयन योजना” शीर्षक वाली इस BRI कार्यान्वयन योजना में दो दर्जन से अधिक सहयोग प्राथमिकताएं निर्धारित की गई हैं।
बुधवार को सन अपनी तीन दिवसीय यात्रा समाप्त करेंगे और उसी दिन चीन लौट जाएंगे। हालांकि वांग की नेपाल यात्रा की तिथि अभी तय नहीं हुई है, लेकिन उम्मीद है कि वे अगस्त या सितंबर में काठमांडू जाएंगे। प्रधानमंत्री दहल ने मंगलवार को संसद में सांसदों के प्रश्नों का उत्तर देते हुए BRI कार्यान्वयन योजना में नेपाल द्वारा शामिल की गई कई शर्तों का भी खुलासा किया।
इस सप्ताह की शुरुआत में विदेश सचिव सेवा लामसाल ने प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखकर बताया कि योजना पर हस्ताक्षर करने के लिए मंत्री स्तर का निर्णय पहले ही लिया जा चुका है। पोस्ट द्वारा देखे गए पत्राचार के अनुसार, उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री नारायण काजी श्रेष्ठ ने निर्णय लिया, जिसे बाद में अनुमोदन के लिए पीएमओ को भेजा गया।