आज हम आपको बताएंगे कि देश की राजधानी में मौसम का हाल कैसा चल रहा है! दरअसल, यहां पर मौसम बेहद ही अजीबोगरीब व्यवहार कर रहा है! कहीं ज्यादा गर्मी है तो कहीं हल्की सी बारिश भी देखने को मिल रही है! जानकारी के लिए बता दे कि दिल्ली-एनसीआर के लोगों को बीते कुछ दिनों से पड़ रही भीषण गर्मी से बुधवार शाम की बारिश ने थोड़ी निजात दिलाई है। मौसम विभाग ने भी कहा कि अगले चार दिनों तक दिल्ली के तापमान में कमी दिखाई देगी। IMD के अनुसार दिल्ली के अधिकतम तापमान में चार डिग्री तक की कमी आ सकती है। हालांकि इन सबसे परे बीते कुछ दिनों से हम रोजाना सुन रहे थे कि दिल्ली के तीन इलाके नरेला, नजफगढ़ और मुंगेशपुर में सबसे ज्यादा गर्मी पड़ रही है।बता दे की दिल्ली के ये तीन इलाके सबसे ज्यादा तप रहे हैं। भले ही राजधानी में पारा 50 पहुंच गया था लेकिन फिर भी कुछ स्थान ऐसे थे जहां का तापमान थोड़ा कूल-कूल बना हुआ था। आज लोधी रोड का ताप 42 से 44 डिग्री के बीच है ऐसा कैसे संभव है? भारत मौसम विज्ञान विभाग के मई महीने के डेटा से पता चलता है कि दिल्ली के विभिन्न वेदर स्टेशनों में तापमान में तीन से चार डिग्री का अंतर है। मौसम विशेषज्ञ इन भिन्नताओं का कारण भूगोल और स्थानीय कारकों को मानते हैं जो तापमान को प्रभावित करते हैं। मंगलवार को, मुंगेशपुर और नरेला में तापमान 49.9 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जबकि सफदरजंग में यह 45.8 डिग्री सेल्सियस रहा, जो मुंगेशपुर से चार डिग्री कम था। जब इसकी वजह खोजी गई तो पता चला कि नरेला दिल्ली के पश्चिमी हिस्से में स्थित है और राजस्थान से आने वाली गर्म समीरो का सामना करता है। जिसकी वजह से यहां का तापमान काफी अधिक है।
वहीं बुधवार को सफदरजंग का तापमान 46.2 दर्ज किया किया दिल्ली की अन्य जगहों से यहां के कम तापमान होने वजह यहां की हरियाली है। मौसम अधिकारियों का कहना है कि सफदरजंग और लोधी रोड पश्चिमी स्टेशनों की तरह गर्म नहीं हैं क्योंकि ये मध्य दिल्ली में स्थित हैं और इन क्षेत्रों में हरीतिमा अधिक है। हरीतिमा अधिक होने की वजह से यहां का वातावरण भी अच्छा है जो गर्मी को बढ़ने से रोकता है।
इसके साथ ही मौसम विभाग के अधिकारी कहावर कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि राजस्थान और हरियाणा के दक्षिण से आने वाली शुष्क और गर्म हवाओं का मुंगेशपुर, नजफगढ़, जफरपुर और नरेला जैसे क्षेत्रों में अधिक प्रभाव होता है क्योंकि ये क्षेत्र दिल्ली के पश्चिमी हिस्से में स्थित हैं।इसके अलावा, इन क्षेत्रों में कृषि भूमि जैसी शुष्क और खुली जगहें होती हैं जो सीधी धूप में जल्दी गर्म हो जाती हैं।आईआईटी भुवनेश्वर के डॉ वी विनोज़ ने कहा कि दिल्ली के तापमान में 30-35% परिवर्तन शहरीकरण के कारण हो रहा है। इसलिए इसके कारणों का विश्लेषण करना आवश्यक है क्योंकि जलवायु परिवर्तन के कारण केवल शहरों में ही नहीं, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी इनकी घटित होने की संभावना लगातार बढ़ेगी। जानकारी के लिए बता दे कि मॉनसून की एंट्री भी काफी धमाकेदार हुई है। कई जगहों पर जोरदार बारिश हो रही है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, जून के अंत तक मॉनसून दिल्ली में दस्तक दे सकता है। आमतौर पर राजधानी में मॉनसून 27 जून के आसपास पहुंचता है। बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों और गुजरात के कुछ हिस्सों में मॉनसून के पहुंचने की सामान्य तारीख 10 जून है। मेघालय में 5 दिनों का अलर्ट मौसम विभाग ने मेघालय में अगले पांच दिनों में आंधी और बिजली गिरने के साथ भारी बारिश के लिए रेड अलर्ट जारी किया। मणिपुर के कई जिलों में बाढ़ आ गई। 31 मई तक सभी सरकारी दफ्तरों में छुट्टी रहेगी। असम राइफल्स के जवानों ने मणिपुर में बाढ़ प्रभावित इलाकों से करीब 1,000 लोगों को बचाया है।
केरल में बिजली गिरने से 8 जख्मी केरल के अलग-अलग हिस्सों में गरज के साथ बारिश होने और कोझीकोड में बिजली गिरने से आठ लोग जख्मी हो गए। एक शख्स ICU में भर्ती है जबकि 7 अन्य की हालात स्थिर है।जबकि राज्य के तीन जिलों- अलप्पुझा, कोट्टायम और एर्नाकुलम के लिए ऑरेंज अलर्ट और बाकी 11 जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। केरल के कई हिस्सों में भारी बारिश से सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ है। सड़कें जलमग्न हो गई हैं, घरों में पानी घुस गया है और पेड़ गिर गए हैं । कई हिस्सों में लोगों को राहत शिविरों में जाना पड़ा।