Friday, March 28, 2025
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तीन नए कानून के लिए क्या बोली ममता बनर्जी?

हाल ही में ममता बनर्जी ने तीन नए कानून के लिए एक बयान दिया है! दरअसल, ममता बनर्जी चाहती है कि तीन नए कानून अभी लागू नहीं हो, इनके लागू होने में अभी समय लगे! जैसे कि पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री  मोदी को पत्र लिखकर ‘हड़बड़ी में पारित’ तीन नये आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन को टालने का आग्रह किया है। और ये तीनों कानून 1 जुलाई से लागू होने हैं। बता दे की ममता ने आपराधिक कानूनों की नये सिरे से संसदीय समीक्षा पर जोर दिया। तृणमूल कांग्रेस टीएमसी प्रमुख ने मोदी को लिखे पत्र में तीनों कानूनों के कार्यान्वयन को लेकर गंभीर चिंता जतायी। ये तीन नये कानून हैं, भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023. सूत्रों के मुताबिक, टीएमसी प्रमुख ने गुरुवार को वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम से भी मुलाकात की, जो विधेयकों की जांच करने वाली संसद की स्थायी समिति का हिस्सा थे, और उनसे इस मुद्दे पर चर्चा की। टीएमसी नेता डेरेक ओ’ब्रायन, द्रमुक नेता एनआर एलंगो और चिदंबरम ने तीनों विधेयकों पर अपनी रिपोर्ट में असहमति जताई थी।

मुख्यमंत्री ममता ने कहा कि ये तीनों विधेयक लोकसभा में ऐसे वक़्त में पारित हुए, जब 146 सांसद सदन से निलंबित थे। ममता ने कहा, ‘आपकी पिछली सरकार ने इन तीन महत्वपूर्ण विधेयकों को एकतरफा और बिना किसी बहस के पारित कर दिया था। उस दिन, लोकसभा के लगभग 100 सदस्यों को निलंबित कर दिया गया था और दोनों सदनों के कुल 146 सांसदों को संसद से बाहर निकाल दिया गया था।’उन्होंने कहा, ‘लोकतंत्र के उस काले दौर में विधेयकों को तानाशाहीपूर्ण तरीके से पारित किया गया। मामले की अब समीक्षा होनी चाहिए।’ ममता ने कहा, ‘मैं अब आपके कार्यालय से आग्रह करती हूं कि कम से कम कार्यान्वयन की तारीख को आगे बढ़ाने पर विचार करें। इसके दो कारण हैं: नैतिक और व्यावहारिक।’ उन्होंने कहा कि इन महत्वपूर्ण विधायी बदलावों पर नये सिरे से विचार-विमर्श होना चाहिए और जांच के लिए नव निर्वाचित संसद के समक्ष रखा जाना चाहिए। टीएमसी प्रमुख ने कहा कि जल्दबाजी में पारित किए गए नये कानूनों को लेकर सार्वजनिक रूप से व्यक्त की गई व्यापक आपत्तियों के मद्देनजर नये सिरे से संसदीय समीक्षा लोकतांत्रिक सिद्धांतों के प्रति प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करेगी। यह तरीका नव निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को प्रस्तावित कानून की गहन जांच करने का अवसर प्रदान करेगा।

उन्होंने कहा, ‘किसी भी दूरगामी कानूनी बदलाव को सही तरीके से लागू करने के लिए पहले ही सावधानीपूर्वक जमीनी कार्य की आवश्यकता होती है और हमारे पास इस तरह के अभ्यास से बचने का कोई कारण नहीं है।’ बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मैं आपसे विनम्रतापूर्वक अनुरोध करती हूं कि भारतीय न्याय संहिता बीएनए 2023, भारतीय साक्ष्य अधिनियम बीएसए 2023 और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता बीएनएसएस 2023 के कार्यान्वयन को टालने की हमारी अपील पर विचार करें।’ ममता बनर्जी ने कहा कि हमारा मानना है कि यह स्थगन नए सिरे से संसदीय समीक्षा/जनादेश को सक्षम करेगा, कानूनी प्रणाली में जनता के विश्वास को मजबूत करेगा और हमारे प्यारे देश में कानून के शासन को कायम रखेगा।

सूत्रों ने कहा कि यह मुद्दा आगामी संसद सत्र में विपक्षी दलों द्वारा उठाया जाएगा। उन्होंने कहा कि ‘इंडिया’ गठबंधन की कई पार्टियों ने नए कानूनों के कार्यान्वयन को स्थगित करने की मांग का समर्थन किया है। केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि तीन नये आपराधिक कानून एक जुलाई से लागू होंगे।

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