Friday, March 28, 2025
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जब हिजबुल्लाह ने मारे 12 खेलते हुए बच्चे!

हाल ही में हिजबुल्लाह ने 12 खेलते हुए इजरायली बच्चे मार दिए हैं! दरअसल, इसराइल और हमास के बीच युद्ध चल रहा है, इसी बीच यह बेहद दर्दनाक खबर सामने आई है! जानकारी के लिए बता दे कि गोलान हाइट्स पर लेबनान के हिजबुल्लाह की ओर से कई रॉकेट दागे गए हैं, जिसमें 12 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में बच्चे भी शामिल हैं। सभी की उम्र 10-20 साल है। इजरायल के मुताबिक यह 7 अक्टूबर की लड़ाई शुरू होने के बाद हिजबुल्ला का सबसे बड़ा हमला है। लेबनान से दागे गए रॉकेट गोलान हाइट्स के उत्तरी ड्रूज शहर मजदल शम्स में एक फुटबॉल मैदान पर गिरा था। इजरायल ने कहा कि उसने लेबनान से इजरायली इलाके में गिरने वाले 30 प्रोजेक्टाइल की पहचान की है। इस हमले के बाद इस बात की आशंका जताई जा रही है कि इजरायल अब हमास के साथ-साथ हिजबुल्लाह से भी लड़ेगा। कुछ इजरायली नेताओं ने जवाबी कार्रवाई की मांग की है। हालांकि हिजबुल्लाह ने रॉकेट दागने से इनकार किया है। इजरायल और हमास का युद्ध शुरू होने के साथ ही लेबनान के साथ लगती सीमा पर हिजबुल्ला के साथ भी संघर्ष शुरू हो गया था। इजरायली सेना और हिजबुल्लाह पिछले 10 महीने से एक दूसरे पर गोलीबारी कर रहे हैं। इस हमले से पहले भी कहा जाता रहा है कि दोनों का संघर्ष एकदम उबलते बिंदु पर पहुंच रहा है। 12 लोगों की मौत के अलावा हमले में 29 लोग घायल हो गए।

प्रत्यक्षदर्शियों ने ग्राउंड में खूनी नरसंहार के दृश्यों का वर्णन किया। हालांकि हमले के दौरान एक वॉर्निंग सायरन बजाया गया था, लेकिन यह पीड़ितों के लिए बेहद छोटा अलर्ट था, जो समय पर भागने में असमर्थ थे। आईडीएफ ने शनिवार देर रात को कहा कि मरने वाले सभी की उम्र 10-20 साल है। इस हमले के बाद एक बड़ी जवाबी कार्रवाई का वादा किया जा रहा है। हमला ऐसे समय पर हुआ जब इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू अमेरिका से वापस लौटे हैं। छिटपुट संघर्ष की जगह अब हिजबुल्लाह के साथ एक पूर्ण युद्ध की आशंका बढ़ गई है।

लगभग 20 हजार ड्रूज अरब गोलान हाइट्स में रहते हैं। यह वह इलाका है जिसे इजरायल ने 1967 में छह दिन के युद्ध के दौरान सीरिया से जब्त कर लिया था। इंटरनेशनल कानूनों और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के तहत इसे कब्जे वाला इलाका माना जाता है। क्षेत्र में लगभग 50000 इजरायली यहूदियों और ड्रूज का घर है। ज्यादातर ड्रूज खुद को सीरियाई मानते हैं। आईडीएफ के प्रवक्ता डेनियल हगारी ने कहा कि जिस समय हमला हुआ तब बच्चे खेल रहे थे। यह 7 अक्टूबर के बाद सबसे बड़ा हमला है और हम कार्रवाई करेंगे। उन्होंने कहा कि हमला फलाक 1 ईरानी रॉकेट से किया गया, जिसमें 50 किग्रा का हथियार था। उन्होंने कहा कि हिजबुल्लाह ही इस मॉडल का इस्तेमाल करता है।

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