हाल ही में दिल्ली में गर्मी के चलते 150 लोगों की जान चली गई है! बता दें कि इस बार गर्मी प्रचंदता से आगे बढ़ रही है और बारिश का नामोनिशान नहीं है! इसी बीच यह बड़ी घटना सामने आई है! जानकारी के लिए बता दे कि दिल्ली जानलेवा गर्मी से जूझ रही है। यह भीषण गर्मी लोगों की जान पर आ गई है। घर के बाहर ही नहीं, घर के अंदर भी लोग हीट स्ट्रोक का शिकार हो रहे हैं। पिछले 48 घंटे में दिल्ली के प्रमुख अस्पतालों में 116 ब्रॉट डेड अस्पताल पहुंचने से पहले मौत मरीजों की पुष्टि हुई है, जबकि 30 मरीजों की मौत हीट स्ट्रोक और हीट संबंधित बीमारी की वजह से हुई है। हालांकि, ब्रॉट डेड मरीजों की मौत की वजह सीधे तौर पर हीट नहीं माना जा रहा है। एक्सपर्ट भी मानते हैं कि इतनी बड़ी संख्या में एक दिन में इतने ब्रॉट डेड मरीज नहीं आते हैं, कहीं न कहीं मौत की वजह हीट भी हो सकती है। दिल्ली में लू वाली स्थिति पहले 22 मई से 4 जून के बीच रही। फिर 17 जून से लेकर अब तक यह जारी है। RML अस्पताल में इस गर्मी में पहली बार हीट स्ट्रोक यूनिट बनाया गया। यहां पर हीट स्ट्रोक के मरीजों के फीवर को कम करने के लिए ठंडे पानी से कूलिंग की व्यवस्था की गई। बता दे की इमरजेंसी विभाग की हेड डॉक्टर सीमा वासनिक ने बताया कि लोग हीट स्ट्रोक को गंभीर से नहीं ले रहे हैं। मंगलवार को एक 82 साल की महिला को हाई ग्रेड फीवर में लाया गया था। उनका ब्लड प्रेशर था ही नहीं। सांस फूल रही थी। वेंटिलेटर पर थीं। बहुत ही क्रिटिकल स्थिति में थीं, हम उन्हें बचा नहीं पाए।
लोग 102 से लेकर 107 डिग्री तक फीवर में आ रहे हैं। जब मरीज लंबे समय तक इस तरह फीवर में रहता है तो उसके बॉडी का एंजाइम काम नहीं करता और शरीर के सभी अंगों पर इसका असर होता है। ऐसे मरीज को पूरी तरह ठीक नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि बुधवार को 5 नए मरीज आए जिसमें से तीन महिला हैं। उसमें एक किसी घर में काम कर रही थी। उसके मालिक को लगा कि उसकी तबियत ठीक नहीं है, फीवर है। यहां लाया तो उसे 105 डिग्री तक बुखार था। लेकिन अब ठीक है। इस समय लोगों को दस्त भी परेशान कर रहा है, जो वायरल या बैक्टीरियल हो सकते हैं। जल जनित बैक्टीरियल संक्रमण जैसे कि हैजा, शिगेला डिसेंट्री या गैर-टाइफॉइडल साल्मोनेला होते हैं और इन्हें केवल ORS से इलाज करना चाहिए, जो आजकल आसानी से उपलब्ध हैं। यदि व्यक्ति इसे मुंह से ले सकता है तो यह सबसे अच्छा इलाज है। यदि अधिक दस्त हो रहा है तो डॉक्टर के पास जाना चाहिए।
इसके साथ ही 27 मई से लेकर अब तक अस्पताल में 45 हीट रिलेटेड मरीज एडमिट किए गए हैं, जिसमें से 9 की मौत हो गई है। वहीं, पिछले 24 घंटे में अस्पताल में 17 ब्रॉड डेड की पुष्टि हुई है। यानी अस्पताल पहुंचने से पहले ही मरीज की मौत हो चुकी थी। ऐसे मरीजों की मौत की कई वजह हो सकती है। लेकिन प्रशासन का कहना है कि इतनी बड़ी संख्या में ब्रॉट डेड मरीज नहीं आते हैं। वहीं लेडी हार्डिंग में भी 12 ब्रॉट डेड मरीज लाए गए। सफदरजंग अस्पताल में हीट संबंधी बीमारियों की वजह से अब तक 42 मरीज इलाज के लिए एडमिट किए गए हैं। इसमें से 27 मरीज पहले एडमिट हुए थे, जिसमें 4 की मौत की पुष्टि की गई थी। 15 मरीज बुधवार को एडमिट किए गए जिसमें 5 की जान जा चुकी है। यानी कुल 42 मरीज एडमिट हुए और 9 की मौत हो गई है। हालांकि, अस्पताल प्रशासन का कहना है कि बुधवार को हुई 5 मौत में से दो की मौत NDMC के हीट स्ट्रोक के मानक के अनुसार पाया गया है। ऐसे में हीट स्ट्रोक से कुल मौत 7 हुई है। बुधवार को हुई मौत में एक 55 साल की महिला संगम विहार से थी और दूसरा 45 साल का पुरुष नोएडा से था।
दिल्ली सरकार के 37 अस्पतालों में पिछले 48 घंटों में 87 ब्रॉट डेड की पुष्टि हुई है। इसमें सबसे ज्यादा DDU में 41, एलएनजेपी में 20, एलबीएस में 15, बाबू जगजीवन राम में 4, दीपचंद बंधु में 6 और इंदिरा गांधी अस्पताल में एक ब्रॉट डेड मरीज की पुष्टि हुई है। पिछले 48 घंटों में हीट संबंधित 310 मरीजों को एडमिट किया गया जिनमें 122 को डिस्चार्ज किया गया जबकि 14 की मौत हो गई। LNJP में 6, GTB में 4, बाबा साहेब आंबेडकर, दीपचंद और इंदिरा गांधी में 1-1 मरीज की मौत की पुष्टि हुई है। एमसीडी अधिकारियों का कहना है कि दो दिन पहले तक स्थिति सामान्य थी। पिछले दो दिनों में अंतिम संस्कार का आंकड़ा एकदम बढ़ गया है। अधिकारियों ने बताया कि एक से 17 जून तक निगम बोध घाट पर टोटल 937 शवों का दाह संस्कार किया गया। इन आंकड़ों के हिसाब से हर दिन औसतन 55 से 60 अंतिम संस्कार किए गए। हालांकि पिछले दो दिनों में निगम बोध घाट पर आने वाले शवों की संख्या में भारी वृद्धि देखी गई। निगम बोध घाट पर मंगलवार को 97 शवों का दाह संस्कार हुआ। बुधवार को शवों का आंकड़ा बढ़कर 118 तक पहुंच गया। इनमें से 99 शवों का दाह संस्कार लकड़ी से किया गया और 19 शवों का दाह संस्कार सीएनजी से किया गया।