Friday, March 28, 2025
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क्या राजस्थान लोकसभा चुनाव में हो सकते हैं उपचुनाव?

यह सवाल उठना लाजिमी है कि क्या राजस्थान लोकसभा चुनाव में उपचुनाव हो सकते हैं या नहीं! क्योंकि अगर बात लोकसभा चुनाव के परिणामों की कीजाए तो वह राजस्थान में उलट आए हैं, जिसके बाद कहीं ना कहीं यह आशंका जग गई है कि वहां पर उपचुनाव भी हो सकते हैं! जानकारी के लिए बता दे कि राजस्थान में मंगलवार को लोकसभा चुनावों का फाइनल परिणाम घोषित हो गया हैं। इस दौरान कांग्रेस ने इंडिया गठबंधन के साथ 11 सीटों पर अपना कब्जा जमा कर भारतीय जनता पार्टी के क्लीन स्वीप करने का सपना चूर-चूर कर दिया। राजस्थान में सभी 25 सीटों पर जीत हासिल करने दावा करने वाली बीजेपी को 14 सीट जीतकर ही संतोष करना पड़ा। इस दौरान राजस्थान की पांच लोकसभा सीटों पर विधायक सांसद चुने गए। इसके कारण विधानसभा सीटों पर विधायक का पद खाली हो गया हैं। इसके चलते अब फिर से राजस्थान में पांच विधानसभाओं में उपचुनाव होंगे। राजस्थान में लोकसभा चुनाव के चलते कांग्रेस और आरएलपी ने अपने पांच विधायकों को चुनावी मैदान में उतारा।लोकसभा सीट से विजयी रहे बृजेंद्र ओला भी सचिन पायलट के करीबी नेताओं में माने जाते हैं। उन्हें भी कांग्रेस ने विधायक होने के बावजूद झुंझुनू से लोकसभा का चुनाव लड़ाया। जहां वह पार्टी की इस परीक्षा में खरे उतरे। बृजेंद्र ओला ने बीजेपी के शुभकरण चौधरी को हराकर सांसद के पद पर कब्जा किया है। ऐसी स्थिति में झुंझुनू में भी उपचुनाव होना तय है। इस दौरान मंगलवार को आए रिजल्ट के बाद राजस्थान की देवली उनियारा, झुंझुनू, खींवसर, चौरासी, बांसवाड़ा और दौसा विधानसभा के विधायकों ने चुनाव जीत लिया है। इसके चलते इन विधानसभा सीटों पर विधायक का पद खाली हो गया है। ऐसी स्थिति में फिर से इन विधानसभाओं पर उपचुनाव आयोजित किए जाएंगे। बता दें कि किसी भी विधानसभा सीट खाली होने के बाद 6 माह के दौरान वहां चुनाव आयोग की ओर से उपचुनाव आयोजित किए जाते हैं।

बता दे की कांग्रेस ने इस लोकसभा चुनाव में सचिन पायलट के करीबी हरीश मीणा को टोंक सवाई माधोपुर लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा। हरीश मीणा वर्तमान में देवली उनियारा के विधायक है। इस दौरान मंगलवार को लोकसभा चुनाव के आए रिजल्ट में मीणा बीजेपी के लगातार दो बार के सांसद सुखबीर सिंह जौनपुरिया को हराकर सांसद चुने गए हैं। ऐसी स्थिति में देवली उनियारा सीट अब खाली हो गई है। जहां अब उपचुनाव आयोजित किए जाएंगे। दौसा लोकसभा सीट से भी सचिन पायलट के करीबी और पूर्व मंत्री मुरारीलाल मीणा विधायक से सांसद चुने गए हैं। वर्तमान में मुरारी लाल मीणा भी दौसा के विधायक हैं। मुरारी लाल भी इस लोकसभा चुनाव में बीजेपी के कन्हैया लाल मीणा को हराकर सांसद चुने गए हैं। इधर, दौसा विधानसभा सीट खाली होने के बाद अब यहां पर भी उपचुनाव होंगे।

झुंझुनू लोकसभा सीट से विजयी रहे बृजेंद्र ओला भी सचिन पायलट के करीबी नेताओं में माने जाते हैं। उन्हें भी कांग्रेस ने विधायक होने के बावजूद झुंझुनू से लोकसभा का चुनाव लड़ाया। जहां वह पार्टी की इस परीक्षा में खरे उतरे। बृजेंद्र ओला ने बीजेपी के शुभकरण चौधरी को हराकर सांसद के पद पर कब्जा किया है। ऐसी स्थिति में झुंझुनू में भी उपचुनाव होना तय है। आरएलपी प्रमुख और इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी हनुमान बेनीवाल दूसरी बार लगातार सांसद चुने गए हैं। इससे पहले बेनीवाल खींवसर विधानसभा के हाल ही में हुए चुनाव में विधायक बने। लोकसभा चुनाव के चलते उन्होंने बीजेपी की ज्योति मिर्धा के खिलाफ चुनाव लड़ा और उन्हें हराकर फिर से सांसद बने हैं। बता दें कि ज्योति मिर्धा को चौथी बार हार का सामना करना पड़ा हैं। इधर, बेनीवाल के सांसद बनने के बाद अब खींवसर में भी उपचुनाव होंगे।

राजस्थान की हॉट सीटों में शामिल बांसवाड़ा लोकसभा सीट से भारतीय आदिवासी पार्टी के प्रत्याशी राजकुमार रोत इस चुनाव में सांसद चुने गए है। आज वर्तमान में राजकुमार चौरासी विधानसभा के विधायक है, लेकिन इंडिया गठबंधन के तहत राजकुमार ने कांग्रेस में दिग्गज नेता रह चुके महेंद्रजीत सिंह मालवीय को जमकर पटखनी दी है। बता दें कि महेंद्रजीत सिंह मालवीय लंबे समय तक कांग्रेस में विभिन्न पदों पर रहे, लेकिन विधानसभा चुनाव के बाद उन्होंने अपना पाला बदलते हुए बीजेपी ज्वाइन कर ली। उनको चुनौती देने के लिए कांग्रेस ने भारतीय आदिवासी पार्टी के साथ गठबंधन किया। इसी गठबंधन के चलते राजकुमार रोत ने उन्हें करारी शिकस्त दी। ऐसी स्थिति में चौरासी विधानसभा सीट खाली हो चुकी है। अब यहां भी उपचुनाव होंगे।

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