Friday, March 28, 2025
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क्या अब एनीमेशन पर बनने लगेगी फिल्में?

यह सवाल उठना लाजिमी है कि क्या अब फिल्में एनीमेशन पर बनने लगेगी या नहीं! क्योंकि अगर बात फिल्म निर्माता की कीजाए तो वह अब एनीमेशन फील्ड पर अपने विचार आजमा रहे हैं! जानकारी के लिए बता दें कि सिनेमा का अपना एक चार्म है और कई ऐसी फिल्में हैं जिसका मजा सिर्फ सिनेमा पर ही देखने में आता है। लेकिन कुछ फिल्में ऐसी होती हैं, जिसकी फिल्म की कहानी से ज्यादा उसके किरदार के नाम को लोग याद रखते हैं। हाल ही में फिल्ममेकर एसएस राजामौली ने अपनी फिल्म ‘बाहुबली’ पर एक और एनिमेटेड सीरीज की घोषणा की है, जिससे लगता है कि भारत में फिल्ममेकर्स अब एनिमेशन की दुनिया में भी अपनी बड़ी जगह बनाना चाहते हैं। एक समय था जब सिर्फ इंग्लिश अमेरिकन किड्स शोज ही टीवी चैनल पर बच्चों के लिए मौजूद थे। इसके साथ ही इसमें ही-मैन, डॉनल्ड डक, टॉम एंड जैरी और मिकी माउस जैसे मुख्य शो ने बच्चों की जिंदगी में बड़ी जगह बना ली थी। उसके बाद वक्त बदला था जैपनीज और कोरियन किड्स कार्टून शोज ने भारत में एक बड़ी पकड़ बनाई। आज बहुत से किड्स चैनल कोरियन, फ्रेंच और जैपनीज किड्स शोज को हिंदी और दूसरी भाषाओं में डब करके भारतीय बच्चों को परोसते हैं। इनमें ‘शिनचैन’ जैसे बड़े शोज शामिल हैं। लेकिन उस दौर में भारतीय फिल्म मेकर्स खुद कोई एनिमेटेड सीरीज नहीं बनाते थे, उनकी दुनिया फिल्मों तक सीमित थी। लेकिन एसएस राजामौली ने इस सोच को तोड़कर बता दिया की बड़े फिल्ममेकर्स में कहीं एक बच्चा होता है और वह बच्चों सहित हर उम्र के हिसाब से एनिमेशन कॉन्टेंट बना सकते हैं।

हाल ही में एसएस राजामौली ने ‘बाहुबली’ पर नई एनिमेटेड सीरीज की घोषणा की। लेकिन ये पहली बार नहीं है, इससे पहले वह साल 2017 में ‘बाहुबली: द लॉस्ट लेजेंड्स’ बना चुके हैं। इस सीरीज के 5 सीजन बनाए गए जो साल 2020 तक रिलीज हो चुके थे। लेकिन अब साल 2024 में एक बार फिर राजामौली ‘बाहुबली’ पर नई एनिमेटेड सीरीज लेकर आने वाले हैं, इससे साफ पता चलता है कि बड़ी और भव्य फिल्में बनाने वाले राजामौली जैसे बड़े फिल्ममेकर्स अब अपनी दुनिया फिल्मों तक सीमित नहीं रखना चाहते, बल्कि वह एनिमेटेड सीरीज बनाकर एक अलग जोनर में भी अपनी एक बड़ी भूमिका निभाना चाहते हैं। लेकिन एसएस राजामौली से पहले ऐसे फिल्म मेकर नहीं हैं, जिन्होंने अपनी फिल्म पर कोई किड्स कॉन्टेंट बनाया है। ‘बाहुबली’ पर पहली सीरीज आने के बाद फिल्म मेकर रोहित शेट्टी ने एक चैनल के साथ मिलकर अपनी चर्चित फ्रेंचाइजी ‘सिंघम’ को लेकर लिटिल सिंघम किड्स शो बनाया। वहीं फिल्म ‘फुकरे’ पर भी एनिमेटेड फिल्म और सीरीज बनाई गई, जो बच्चों के बीच काफी पॉपुलर हुई। इस बारे में वार्नर ब्रदर्स डिस्कवरी के किड्स कलस्टर हेड साउथ एशिया उत्तम पाल सिंह बताते हैं, ‘बॉलिवुड सबसे लोकप्रिय जॉनर में से एक है जो उम्र से परे है। ऐसे में एनिमेशन मनोरंजन में सिनेमा के एक फेमस किरदार को एनिमेटेड अवतार में देखना बच्चों के लिए एक जादुई अनुभव भी होता है।’

बॉलिवुड फिल्म इंडस्ट्री में मेकर्स हमेशा ही रियल किरदारों के साथ फिल्में बनाते आए हैं, लेकिन हॉलिवुड में लंबे समय से फिल्मों का एनिमेटेड वर्जन बनता रहा है। जैसे साल 1932 में मूवी ‘टार्जन द एप मैन’ फिल्म आई, जिसकी आगे चलकर कई किश्त रिलीज हुईं, लेकिन 1999 में इसी किरदार पर एक एनिमेटेड फिल्म भी बनाई और उसके बाद टीवी सीरीज रिलीज की गईं। आज के दौर में इसका सबसे बड़ा उदाहरण मार्वल्स की तमाम फिल्में हैं, जिन पर एनिमेटेड मूवीज भी बनी हैं। भारत की बात करें तो अब तक एनिमेटेड सीरीज तो बनती रही हैं, लेकिन इसके साथ ही बड़े फिल्म मेकर्स अब फेमस सुपर फिल्मों पर एनिमेटेड फिल्म बनाने को लेकर भी कदम बढ़ाना चाहते हैं। इसी को लेकर हाल ही में एसएस राजामौली ने कहा, ‘हॉलिवुड में जब भी कोई ब्रांड क्रिएट होता है, वह अलग-अलग फॉर्म में आता जाता है, लेकिन इंडिया में ऐसा नहीं होता। भारत में अगर फिल्म अच्छी चलती है, तो बस बॉक्स ऑफिस पर चलकर खत्म हो जाती है। हम ऐसा नहीं चाहते थे।’ वह आगे कहते हैं, ‘एनिमेशन फिल्म बनाने का ख्याल मेरे दिमाग में बहुत वक्त से है। मैं जैसे-जैसे फिल्में बनाता हूं, वैसे-वैसे सीखता हूं और फिर उस जानकारी का उपयोग अपनी फिल्मों में करता हूं।

भारत में पिछले कुछ सालों में एनिमेशन इंडस्ट्री में तेजी देखी गई है। एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2023 में एनिमेशन मार्केट 137 करोड़ का था, वो साल 2031 तक तकरीबन 1660 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है। वहीं अगर बात करें फिल्मों पर बनी सीरीज और फिल्मों की तो उन्हें भी खूब पसंद किया गया है। बकौल उत्तम पाल सिंह, ‘लॉन्च के बाद से ही पोगो पर ‘लिटिल सिंघम’ और डिस्कवरी किड्स पर ‘फुकरे बॉयज’ ने देशभर के बच्चों में काफी उत्साह और जुड़ाव पैदा कर किया है। जहां चैनल पर ‘लिटिल सिंघम’ दूसरे स्थान पर रहा वहीं ढाई करोड़ दर्शकों को अपने साथ जोड़ा। वहीं जब ‘फुकरे बॉयज’ लॉन्च हुआ तो दोपहर के स्लॉट में दर्शकों की संख्या में 60% और शाम के स्लॉट में 84% की वृद्धि देखी गई।’ लेकिन एनिमेशन में किस तरह के किरदार पर मेकर्स की नजर होती है, इस बारे में उत्तम पाल सिंह कहते हैं कि एनिमेटेड मनोरंजन के लिए, सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण है लीड रोल का अट्रैक्शन कितना है, कितना मनोरंजक है और उसमें कौन सी प्यारी विशेषताएं हैं। साथ उसकी प्रेरणा क्या है? ये भी देखा जाता है कि वह दर्शकों को क्यों आकर्षित करता है? क्या दर्शक उन्हें रोज देखना चाहेंगे, क्या 100 या 500 एपिसोड में उनसे जुड़ना चाहेंगे? किसी को भी अपनाने के लिए, किरदार के कनेक्शन और कहानीकारों के बनाए यूनिवर्स जरूरी होते हैं।’

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