Friday, March 28, 2025
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क्या अपने राजनीतिक डेब्यू के लिए तैयार है प्रियंका गांधी?

यह सवाल उठना लाजिमी है कि क्या प्रियंका गांधी अपने राजनीतिक डेब्यू के लिए तैयार है या नहीं! क्योंकि अब प्रियंका गांधी वायनाड से अपने चुनावी करियर की शुरुआत करने जा रही है! जानकारी के लिए बता दे कि लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा के वायनाड से चुनाव लड़ने की अटकलें लगाई गई थीं। हालांकि प्रियंका ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया, जिसके चर्चाओं का बाजार शांत हो गया था। वायनाड से फिर से राहुल गांधी ने चुनाव लड़ा और जीते। लेकिन वो रायबरेली से भी चुनाव जीत चुके हैं। इसके बाद अब वो वायनाड सीट छोड़ सकते हैं। ऐसे में फिर एक बार वायनाड से प्रियंका गांधी के चुनाव लड़ने की चर्चा तेज हो गई है। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस वायनाड उपचुनाव में प्रियंका गांधी को उम्मीदवार बना सकती है। प्रियंका गांधी के चुनाव लड़ने की चर्चा उस वक्त और तेज हो गई, जब राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि अगर उनकी बहन वाराणसी में प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ चुनाव लड़तीं, तो मोदी दो-तीन लाख वोटों से हार जाते। बता दें कि राहुल गांधी वायनाड और रायबरेली सीट पर बड़े अंतर से जीते हैं। 2019 के लोकसभा चुनावों से ही प्रियंका गांधी के चुनाव लड़ने की चर्चा चल रही है। उस वक्त कयास लगाए जा रहे थे कि प्रियंका वाराणसी सीट से पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ सकती हैं। इसके बाद 2020 में यूपी विधानसभा चुनावों के दौरान प्रियंका गांधी ने खुद कहा था कि वह यूपी में चुनाव लड़ने से इनकार नहीं कर रही थीं। उस वक्त वो यूपी कांग्रेस की महासचिव थीं। इस बयान के साथ उन्होंने ये भी इशारा किया कि वो कांग्रेस की तरफ से मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार हो सकती हैं। हालांकि कुछ ही घंटों बाद उन्होंने अपने बयान से दूरी बना ली और कहा कि वो मजाक कर रही थीं।

लोकसभा चुनाव 2024 से पहले सोनिया गांधी ने रायबरेली छोड़ दी। इस सीट पर वो 2004 से सांसद थीं। इस बार सोनिया गांधी राज्यसभा पहुंच गई हैं। सोनिया गांधी के रायबरेली सीट छोड़ने के बाद ये तय माना जा रहा था कि इस सीट पर प्रियंका गांधी चुनाव लड़ेंगी। खबरों में इस बात को कहा गया कि प्रियंका गांधी रायबरेली से चुनाव लड़ेंगी और राहुल गांधी अमेठी से। सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी राहुल-प्रियंका के चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी। उन्होंने इसका फैसला दोनों भाई-बहनों पर छोड़ दिया था। खरगे ने कहा था कि वो चाहते हैं कि दोनों चुनाव लड़ें। अगर कांग्रेस के मजबूत गढ़ों से चुनाव नहीं लड़ते हैं, तो इससे पार्टी कार्यकर्ताओं, I.N.D.I.A गठबंधन के दलों और एनडीए के बीच गलत संदेश जाएगा।

हालांकि प्रियंका गांधी ने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया। उनके करीबी सूत्रों ने बताया कि प्रियंका ने चुनाव न लड़ने का फैसला इसलिए किया क्योंकि अगर वो चुनाव जीत जातीं, तो संसद में गांधी परिवार के तीन सदस्य हो जाते, जिससे बीजेपी के परिवारवाद के आरोपों को बल मिलता। प्रियंका गांधी ने भले ही लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा, लेकिन उन्होंने अपना ज्यादातर वक्त रायबरेली और अमेठी में बिताया। इन दोनों ही सीटों पर कांग्रेस को बड़ी जीत मिली। यूपी में कांग्रेस की एक सीट से बढ़कर 6 हो गई। चुनावी नतीजों के बाद, राहुल गांधी ने यूपी के लोगों को धन्यवाद दिया और इस जीत में अपनी बहन की भूमिका की सराहना की।

बता दे की प्रियंका गांधी वायनाड से उपचुनाव लड़ना इस बात पर निर्भर करेगा कि राहुल गांधी इस सीट को छोड़ते हैं या नहीं। इसके साथ ही 2019 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी अमेठी से हार गए थे और वायनाड सीट के बदौलत संसद पहुंचे थे। ऐसे में वायनाड छोड़कर रायबरेली चुनने का फैसला आसान नहीं होगा। राहुल ने खुद कहा कि वो दुविधा में हैं और इसे लेकर अभी तक कोई फैसला नहीं ले पाए हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि वो जो भी फैसला लेंगे, वो दोनों लोकसभा क्षेत्रों के लोगों को खुश करेगा। इस बयान को इस बात का इशारा माना जाने लगा कि राहुल खुद रायबरेली सीट को चुनेंगे और अपनी बहन को वायनाड से उम्मीदवार बनाएंगे।

राहुल के वायनाड सीट छोड़ने को लेकर दो कांग्रेस नेताओं ने भी बयान दिए हैं। अमेठी से नवनिर्वाचित सांसद किशोरी लाल शर्मा ने राहुल गांधी से रायबरेली से सांसद रहने की अपील की, तो वहीं केरल कांग्रेस कमेटी के प्रमुख के. सुधाकरण ने संकेत दिया है कि नेता वायनाड लोकसभा सीट छोड़ सकते हैं। राहुल गांधी के सीट खाली करने के छह महीने के भीतर उपचुनाव होंगे।

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