Friday, March 28, 2025
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आखिर जम्मू कश्मीर में क्या कर रहा है पाकिस्तान का प्रतिनिधिमंडल?

हाल ही में पाकिस्तान का प्रतिनिधिमंडल जम्मू कश्मीर में दस्तक दे चुका है! दरअसल 370 आर्टिकल हटने के बाद यह पहली बार है जब पाकिस्तान का प्रतिनिधिमंडल जम्मू कश्मीर में आया है! जानकारी के लिए बता दे कि पाकिस्तान का एक प्रतिनिधिमंडल जम्मू-कश्मीर में दो हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट का निरीक्षण करने के लिए रविवार शाम जम्मू पहुंचा है। डेलीगेशन का भारत दौरा सिंधु जल संधि, आईडब्ल्यूटी के तहत तटस्थ विशेषज्ञ कार्यवाही का हिस्सा है। 1960 की संधि के विवाद निपटान के तहत पांच साल से भी ज्यादा समय में किसी पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल की यह पहली जम्मू-कश्मीर यात्रा है। नौ साल की बातचीत के बाद भारत और पाकिस्तान द्वारा हस्ताक्षरित संधि में विश्व बैंक एक हस्ताक्षरकर्ता के रूप में शामिल है। यह कई सीमा पार नदियों के पानी के प्रयोग के संबंध में दोनों देशों के बीच सहयोग और सूचना के आदान-प्रदान के लिए एक रूपरेखा स्थापित करता है। इसके साथ ही इस डेलीगेशन के जम्मू आने के बाद इस पर भी चर्चा शुरू हो गई है कि क्या भारत-पाक के बीच रिश्तों की बर्फ अब पिघल रही है, और जिसकी शहबाज शरीफ के पाक का पीएम बनने के बाद कई दफा चर्चा हुई है। 2019 में जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में आई गिरावट से पहले तीन सदस्यीय पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल ने जनवरी 2019 में आखिरी बार सिंधु जल संधि के प्रावधानों के तहत पाकल दुल और लोअर कलनई जलविद्युत परियोजनाओं का निरीक्षण किया था। जैसा की अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तानियों सहित आने वाले विशेषज्ञ केंद्र शासित प्रदेश में अपने प्रवास के दौरान चेनाब घाटी में किशनगंगा और रातले जलविद्युत परियोजनाओं का निरीक्षण करेंगे।

पाकिस्तान ने 2016 में विश्व बैंक से दो जलविद्युत परियोजनाओं के डिजाइन अपनी आपत्तियों के संबंध में ‘तटस्थ विशेषज्ञ’ के माध्यम से समाधान की मांग की थी। बाद में पाकिस्तान ने मध्यस्थता न्यायालय के माध्यम से निर्णय लेने की मांग की। दूसरी ओर, भारत ने इस बात पर जोर दिया कि इस मुद्दे को केवल ‘तटस्थ विशेषज्ञ’ कार्यवाही के माध्यम से हल किया जाना चाहिए। वार्ता विफल होने के बाद विश्व बैंक ने अक्टूबर 2022 में एक तटस्थ विशेषज्ञ और मध्यस्थता न्यायालय के अध्यक्ष की नियुक्ति की। जुलाई 2023 में मध्यस्थता न्यायालय ने फैसला सुनाया कि वह पाकिस्तान के मध्यस्थता के अनुरोध द्वारा निर्धारित विवादों पर विचार करने और उनका समाधान करने में सक्षम है।

इस प्रक्रिया के तहत पाकिस्तान ने इस वर्ष मार्च में अपना पहला ज्ञापन दाखिल किया, जिसमें दस्तावेजों के साथ उसके कानूनी मामले को सूचीबद्ध किया गया। एक महीने बाद न्यायालय ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नीलम-झेलम जलविद्युत संयंत्र का एक सप्ताह का दौरा किया, ताकि सिंधु नदी प्रणाली के किनारे रन-ऑफ-रिवर जलविद्युत संयंत्रों के डिजाइन और संचालन के सामान्य पहलुओं से न्यायालय को परिचित कराया जा सके। जम्मू और कश्मीर प्रशासन ने भारत और पाकिस्तान के प्रतिनिधिमंडलों के साथ तटस्थ विशेषज्ञों की यात्रा के समन्वय के लिए 25 संपर्क अधिकारी नियुक्त किए हैं।

भारत और पाकिस्तान के रिश्ते बीते कुछ सालों, खासतौर से 2019 के बाद काफी खराब दौर से गुजर रहे हैं। जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा वापस लिए जाने के बाद पाकिस्तान ने भारत से व्यापार संबंध तोड़ लिए थे। दोनों पक्षों ने लगातार सख्त रुख दिखाया है, इसके बावजूद माना जा रहा है कि दोनों मुल्कों रिश्तों में कुछ बेहतरी के लिए कदम बढ़ सकते हैं। पाकिस्तान में इसी साल शहबाज शरीफ की सरकार बनी हैं। वहीं हाल ही में नरेंद्र मोदी भी फिर से भारत की सत्ता में लौटे हैं। नवाज शरीफ के भारत के प्रति रुख को और चुनाव सिमट जाने के बाद कई एक्सपर्ट ये मान रहे हैं कि रिश्ते बेहतर होंगे और जम्मू में पाक प्रतिनिधिमंडल आना इसकी शुरुआत है।

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