आज हम आपको बताएंगे कि हाल ही में हुई आईपीएल की मीटिंग में क्या कुछ खास हुआ! दरअसल, आने वाले 2025 में इंडियन प्रीमियर लीग होने वाला है! जिसके चलते 31 जुलाई के दिन एक आईपीएल की मीटिंग रखी गई थी! जानकारी के लिए बता दें कि इंडियन प्रीमियर लीग 2025 के लिए बीसीसीआई के मुख्यालय में सभी टीम मालिकों के बीच एक बैठक हुई। बता दें कि इस बैठक में मेगा ऑक्शन से पहले खिलाड़ियों को टीम में रखने के नियमों और संख्या पर बात होनी थी, लेकिन बातचीत सिर्फ मेगा ऑक्शन की जरूरत और भविष्य पर ही केंद्रित होकर रह गई। इस बैठक में कुछ टीमों के मालिकों के बीच काफी तीखी बहस हुई। इसके बाद बीसीसीआई ने कहा कि वो आने वाले हफ्तों में टीमों को अपना फैसला बताएंगे। जानकारी के अनुसार बैठक में कई सारे सारे टीम मालिक मेगा ऑक्शन के खिलाफ थे। इनमें सबसे आगे थे कोलकाता नाइट राइडर्स के शाहरुख खान और सनराइजर्स हैदराबाद की काव्या मारन। दिलचस्प बात ये है कि ये दोनों ही टीमें इस साल आईपीएल के फाइनल में थीं और अपनी टीम को ऐसे ही रखना चाहती हैं। इनका कहना है कि टीमों को ब्रांड बनाने और फैंस जुड़ने के लिए स्थिरता की जरूरत होती है!
बता दे कि बैठक में मौजूद बीसीसीआई के एक बड़े अधिकारी के मुताबिक शाहरुख खान ने मेगा ऑक्शन के खिलाफ जोरदार तरीके से बात की। कहा जाता है कि इस दौरान उनका पंजाब किंग्स के मालिक नेस वाडिया से भी खिलाड़ियों को रखने की संख्या को लेकर तीखी बहस हुई। बैठक के बाद वाडिया ने शाहरुख से बहस करने की बात को नकार दिया। यही नहीं उन्होंने कहा कि, ‘वो शाहरुख को 25 साल से जानते हैं और उनके बीच कोई दुश्मनी नहीं है। उन्होंने अपनी टीम की राय पर ज्यादा बात नहीं की बस इतना कहा कि सभी ने अपनी राय रखी और आखिर में सभी के हित में फैसला लेना होगा।’ शाहरुख को सनराइजर्स हैदराबाद की मालकिन काव्या मारन का भी साथ मिला। उनका कहना है कि उनकी टीम हर साल छोटी नीलामी चाहती है, बड़ी नीलामी नहीं। उन्होंने कहा कि किसी टीम को बनाने में बहुत समय लगता है और युवा खिलाड़ियों को अच्छा बनने में भी समय लगता है। उन्होंने अभिषेक शर्मा का उदाहरण दिया, जिन्हें अच्छा प्रदर्शन करने में तीन साल लगे।
जानकारी के लिए बता दे कि दिल्ली कैपिटल्स के पारथ जिंदल उन लोगों में थे जो ज्यादा खिलाड़ियों को रखने के खिलाफ थे। उन्होंने कहा कि उन्हें हैरानी हुई कि मेगा ऑक्शन करनी है या नहीं। कुछ लोगों का कहना था कि बड़ी नीलामी बिल्कुल नहीं होनी चाहिए सिर्फ छोटी नीलामी हो, लेकिन वो इस बात से सहमत नहीं हैं। उनका मानना है कि नीलामी से सभी टीमों के पास बराबर मौका मिलता है और यही आईपीएल को अच्छा बनाता है। इसी बीच उन्होंने कहा कि ये सिर्फ कुछ टीम मालिकों की ही बात है बाकी सभी नीलामी चाहते हैं। जिंदल ने इम्पैक्ट प्लेयर नियम को भी खत्म करने की बात कही। उनका कहना है कि कुछ लोग इस नियम को पसंद करते हैं क्योंकि इससे युवा खिलाड़ियों को खेलने का मौका मिलता है, लेकिन कुछ लोग इसे भारतीय क्रिकेट के लिए बुरा मानते हैं क्योंकि इससे ऑलराउंडर खिलाड़ियों का विकास नहीं हो पाता।
बता दे इस बैठक में दिल्ली कैपिटल्स के किरण कुमार ग्रांधी, लखनऊ सुपर जायंट्स के संजीव गोयनका, चेन्नई सुपर किंग्स की रूपा गुरुनाथ, राजस्थान रॉयल्स के मनोज बादाल और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के प्रतीमेश मिश्रा भी मौजूद थे। मुंबई इंडियंस के मालिक अंबानी परिवार वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए शामिल हुए। बाद में बीसीसीआई ने एक बयान जारी कर कहा कि टीम मालिकों ने खिलाड़ियों के नियमों और दूसरे व्यापारिक मामलों पर अपनी राय रखी। बीसीसीआई अब इन सुझावों को आईपीएल गवर्निंग काउंसिल के पास भेजेगा और फिर खिलाड़ियों के नियम बनाने का फैसला करेगा।