वर्तमान में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन पर काफी दावे किए जा रहे हैं! दावे यह की इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन को हैक किया जा सकता है! लेकिन आखिर इसके पीछे सच्चाई क्या है? जानकारी के लिए बता दें कि लोकसभा चुनाव परिणामों के 12 दिन बाद एक बार फिर ईवीएम की विश्वसनीयता पर बहस छिड़ गई है। सबसे पहले टेस्ला के मालिक एलन मस्क ने इसे हटाने की बात की। इसके बाद राहुल गांधी ने अपने एक्स पोस्ट पर मिड डे की खबर का हवाला देते हुए इसे ब्लैक बॉक्स बता डाला। राहुल के एक्स पोस्ट के बाद बीजेपी भी एक्टिव हो गई। पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर और बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने एलन मस्क और राहुल गांधी दोनों को खूब सुनाया। राजीव चंद्रशेखर ने तो मस्क को भारत आकर ईवीएम हैक का डेमो दिखाने की चुनौती दे डाली। बहस के बीच रात को चुनाव अधिकारी ने मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन की हैकिंग के आरोप पर विपक्ष और मस्क दोनों को जवाब दे दिया। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि रवींद्र वायकर के बहनोई मंगेश पंडिलकर ने वोटों की गिनती के दौरान एक EVM को “अनलॉक” करने के लिए मोबाइल फोन का उपयोग किया था, जैसा की इन आरोपों को निर्वाचन अधिकारी वंदना सूर्यवंशी और मुंबई पुलिस ने खारिज कर दिया। मंगेश पंडिलकर और एक मतदान अधिकारी दिनेश गुरव के खिलाफ वनराई पुलिस ने मतगणना केंद्रों के अंदर मोबाइल फोन पर चुनाव आयोग के प्रतिबंध का उल्लंघन करने के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत मामला दर्ज किया है।
बता दे की राहुल गांधी ने अपने एक्स हैंडल से मिड डे न्यूजपेपर की कटिंक को शेयर करते हुए ईवीएम को ‘ब्लैक बॉक्स’ बता डाला। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि देश की चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता को लेकर गंभीर चिंता जताई जा रही है। उन्होंने कहा कि भारत में ई. वी. एम. एक ‘ब्लैक बॉक्स’ है और किसी को भी उसकी जांच करने की अनुमति नहीं है। हमारी चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता को लेकर गंभीर चिंताएं जताई जा रही हैं। जब संस्थानों में जवाबदेही की कमी होती है तो लोकतंत्र एक दिखावा बन जाता है और धोखाधड़ी का शिकार हो जाता है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट के चुनाव परिणाम पर रोक लगाई जानी चाहिए। उन्होंने मांग की कि निर्वाचन आयोग को सभी पक्षों की बैठक बुलाई जाए और इस मुद्दे पर गहन चर्चा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मोबाइल फोन के अनधिकृत इस्तेमाल की जांच भी होनी चाहिए। पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि एफआईआर रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया है।
प्रवक्ता क्लाइड क्रैस्टो ने कहा कि रवींद्र वायकर के एक रिश्तेदार की ईसी अधिकारी के मोबाइल फोन तक पहुंच चिंता का विषय है। क्रैस्टो ने कहा कि चुनाव आयोग के मतदान अधिकारी ने कहा है कि केवल मतगणना प्रक्रिया के डेटा प्रविष्टि के लिए ओ. टी. पी. की आवश्यकता होती है, जिसका अर्थ है कि इस ओ. टी. पी. का सृजन वाइकर के रिश्तेदारों को भी डेटा तक पहुंच प्रदान कर सकता है, और इसे उनके या उनकी टीम द्वारा हेरफेर किया जा सकता है। यह बहुत गंभीर बात है। ईसीआई को यह स्पष्ट करने की जरूरत है कि उस समय क्या हुआ जब फोन वाइकर की टीम के साथ था। आदित्य ठाकरे ने कहा कि ECI में सीट से संबंधित सीसीटीवी कैमरा फुटेज जारी करने का साहस नहीं है। उन्होंने कहा कि हमें हमेशा से संदेह रहा है कि इस सरकार ने ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की है। यहां तक कि एलन मस्क ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए दावा किया है कि सब कुछ हैक किया जा सकता है। कई अनुरोधों के बावजूद, चुनाव आयोग में मतगणना के दिन के सीसीटीवी फुटेज जारी करने का साहस नहीं है जो हमारे दावों का समर्थन करेगा।
कपिल सिब्बल ने ईवीएम पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि यह एक बड़ा मुद्दा है। सिब्बल ने ईवीएम पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि जब भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि हमें अपनी मशीनों पर भरोसा करना चाहिए, और हमें भारत के चुनाव आयोग पर भरोसा करना चाहिए, अगर सर्वोच्च न्यायालय खुद उन पर भरोसा कर रहा है, तो मैं उन पर टिप्पणी क्यों करूं? अगर हम सरकार और मशीनों पर भरोसा करने लगें तो सारा काम मशीनों के माध्यम से होना चाहिए। फिर अदालतें क्यों हैं? अगर हम सरकार पर भरोसा करने लगें तो फैसला देने का क्या फायदा? यह एक बड़ा मुद्दा है, मैं इस पर बाद में टिप्पणी करूंगा।
अखिलेश यादव ने भी ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया और मांग की कि भविष्य के सभी चुनाव मतपत्रों के माध्यम से कराए जाने चाहिए। उन्होंने कहा, ‘टेक्नोलॉजी की समस्याओं को हल करने के लिए है, अगर यह समस्याओं का कारण बनती है तो इसका उपयोग बंद किया जाना चाहिए। आज जब दुनिया के कई चुनावों में ईवीएम से छेड़छाड़ की आशंका व्यक्त की जा रही है और दुनिया के जाने-माने टेक्नोलॉजी विशेषज्ञ खुले तौर पर ईवीएम से छेड़छाड़ के खतरे के बारे में लिख रहे हैं, तो फिर ईवीएम के इस्तेमाल पर जोर देने के पीछे क्या वजह है, भाजपा को यह स्पष्ट करना चाहिए। अखिलेश यादव ने पोस्ट करते हुए कहा कि हम अपनी मांग दोहराते हैं कि भविष्य के सभी चुनाव मतपत्रों का उपयोग करके कराए जाएं।