Friday, March 28, 2025
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हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर क्या बोले राहुल गांधी?

आज हम आपको बताएंगे कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर राहुल गांधी ने क्या बयान दिया है! दरअसल, हाल ही में हिंडनबर्ग की एक और रिपोर्ट सामने आई, जिसके बाद अडानी ग्रुप पर तंज करते हुए राहुल गांधी ने एक बयान दे दिया है! आपकी जानकारी के लिए बता दे कि कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को लेकर सरकार पर बड़े आरोप लगाए हैं। उन्होंने सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच पर अमेरिकी शॉर्ट-सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए नए आरोपों पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि इन आरोपों से सेबी की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े हुए हैं। राहुल गांधी ने यह भी कहा कि हिंडनबर्ग की ताजा रिपोर्ट से साफ पता चलता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अडानी से जुड़े आरोपों की संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराने से क्यों डर रहे हैं। इसी बीच राहुल गांधी ने कहा, ‘कल्पना कीजिए भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच एक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच हो और मैच देखने वाला और खेलने वाला हर व्यक्ति जानता हो कि अंपायर के साथ समझौता किया गया है। मैच का क्या होगा? मैच की निष्पक्षता और परिणाम का क्या होगा? मैच में भाग लेने वाले व्यक्ति के रूप में आपको कैसा लगेगा? भारतीय शेयर मार्केट में बिल्कुल यही हो रहा है।’

यही नहीं आपकी जानकारी के लिए बता दे कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक्स पर एक वीडियो मैसेज शेयर किया। इसमें राहुल ने कहा, ‘छोटे निवेशकों की पूंजी की सुरक्षा के लिए सौंपे गए नियामक सेबी की विश्वसनीयता, इसकी चेयरपर्सन पर लगे आरोपों से गंभीर रूप से प्रभावित हुई है।’ यही नहीं उन्होंने कहा कि देशभर के निवेशक जानना चाहते हैं कि सेबी चेयरपर्सन ने अभी तक इस्तीफा क्यों नहीं दिया है। देशभर के ईमानदार निवेशकों के मन में सरकार से कुछ सवाल हैं- सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने अभी तक इस्तीफा क्यों नहीं दिया है? अगर निवेशकों का पैसा डूबता है, तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा, पीएम मोदी, सेबी चेयरपर्सन या गौतम अडानी? नए और गंभीर आरोपों के मद्देनजर, क्या सुप्रीम कोर्ट एक बार फिर इस मामले पर स्वतः संज्ञान लेगा?

बता दे कि इसी बीच राहुल गांधी ने आगे कहा, ‘अब यह बिलकुल साफ़ हो गया है कि प्रधानमंत्री मोदी JPC जांच से इतना क्यों डर रहे हैं और यह क्या खुलासा कर सकती है।’ उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में, बड़ी संख्या में लोग भारत के शेयर बाजार में निवेश कर रहे हैं। वे अपनी मेहनत की कमाई, ईमानदारी से कमाई गई बचत को शेयर बाजार में निवेश करते हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेता के रूप में यह मेरा कर्तव्य है कि मैं आपके ध्यान में लाऊं कि भारतीय शेयर बाजार में एक महत्वपूर्ण जोखिम है क्योंकि शेयर मार्केट को नियंत्रित करने वाली संस्था के साथ समझौता किया गया है’।

बता दें कि हिंडनबर्ग रिसर्च ने माधबी पुरी बुच और उनके पति पर बरमूडा और मॉरीशस स्थित विदेशी फंडों में गुप्त रूप से निवेश करने का आरोप लगाया है। इसी बीच रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ये वही फंड हैं जिनका इस्तेमाल अडानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी के भाई विनोद अडानी ने कथित तौर पर फंड ट्रांसफर करके शेयर बाजार में हेरफेर करने के लिए किया था। यही नहीं इस बीच सत्तारूढ़ बीजेपी ने कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों पर भारत में वित्तीय अस्थिरता और अराजकता फैलाने की साजिश रचने का आरोप लगाया है। बीजेपी ने सेबी चेयरपर्सन पर लगे हिंडनबर्ग के आरोपों को ख़ारिज करते हुए उन्हें वित्तीय निगरानी संस्था की विश्वसनीयता को कम करने का प्रयास बताया है। बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने बताया, ‘शॉर्ट-सेलिंग फर्म, जिसने पिछले साल अडानी समूह पर गंभीर आरोप लगाए थे, खुद भारतीय जांच एजेंसियों की जांच के घेरे में है। विपक्षी दल इसके आरोपों को दोहरा रहे हैं, और साजिश अब साफ दिखाई दे रही है कि वे अराजकता और अस्थिरता फैलाना चाहते हैं, खासकर वित्तीय क्षेत्र में।’

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