Friday, March 28, 2025
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क्या नीट पेपर लीक मामले में आड़े हाथ आएगी एनडीए सरकार?

नीट पेपर लीक मामले में एनडीए सरकार अब इंडिया गठबंधन के आड़े हाथ आ सकती है! दरअसल, इंडिया गठबंधन अब पूरी तरह एनडीए सरकार को घेरने में लगा हुआ है! जानकारी के लिए बता दें कि मोदी 3.0 में लोकसभा का पहला सत्र 24 जून से शुरू हो रहा है। सत्र शुरू होने से पहले ही विपक्ष के तेवर देख इस बात के साफ संकेत मिल रहे हैं कि संसद का यह सत्र हंगामेदार रहने वाला है। बीजेपी इस बार पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में नहीं है और सही माने तो यह NDA की सरकार है। पीएम मोदी सरकार के पहले और दूसरे कार्यकाल में बीजेपी के पास पूर्ण बहुमत था लेकिन अब तीसरे कार्यकाल में ऐसा नहीं है। जिसका असर संसद के भीतर भी दिखना तय है। वहीं इस बार विपक्षी दल पहले से अधिक मजबूत हुए हैं। खासकर कांग्रेस की सीटों में काफी इजाफा हुआ है। विपक्षी गठबंधन इंडिया में शामिल दलों के नेताओं का नतीजों के बाद से ही बीजेपी खासकर पीएम मोदी पर हमला तेज है। संसद सत्र से पहले ही प्रोटेम स्पीकर को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने है तो इसके साथ ही इंडिया गठबंधन कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी कर रहा है। जिसमें NEET-NET मामला, बंगाल में ट्रेन दुर्घटना, अग्निवीर योजना प्रमुख है। लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद विपक्षी दलों की ताकत बढ़ी है। NEET-UG परीक्षा और रद्द हो चुकी UGC-NET परीक्षा में कथित अनियमितताओं को लेकर चल रहा विवाद नई एनडीए सरकार और विपक्षी गठबंधन इंडिया के बीच टकराव का पहला बड़ा मुद्दा बन गया है। 18वीं लोकसभा के पहले सत्र में यह मुद्दा काफी तूफानी होने वाला है इस बात के पूरे आसार हैं। कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष ने चुनाव नतीजों के तुरंत बाद ही अपनी मंशा साफ कर दी थी कि वह सरकार को चैन से नहीं बैठने देंगे। साथ ही कहा कि वह राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर सत्ता पक्ष से कड़े सवाल पूछेंगे। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पेपर लीक रोकने में कथित विफलताओं को लेकर सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बार-बार हमला किया है। विपक्ष की ओर से कहा गया है कि इस बार कई अच्छे वक्ता भी चुनाव जीतकर संसद में पहुंचे हैं और वह सरकार का कड़ा इम्तिहान लेंगे।

पेपर लीक के मुद्दे पर इस बार विपक्ष पूरी तरह एकजुट नजर आ रहा है। अधिकांश विपक्षी नेताओं ने न केवल पेपर लीक का मुद्दा उठाया है, बल्कि इसका इस्तेमाल पीएम मोदी पर निशाना साधने के लिए भी किया है। कांग्रेस इस मुद्दे पर सबसे ज्यादा आक्रामक नजर आ रही है। अन्य दूसरे विपक्षी दल जिनमें ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी, समाजवादी पार्टी, शिवसेना, डीएमके, एनसीपी, सीपीआई , सीपीआई और आम आदमी पार्टी भी इस मुद्दे पर हमलावर है और सभी ने इस मुद्दे को एक स्वर में उठाया है। जैसा की इन दलों के नेताओं की मांग है कि नीट-यूजी परीक्षा को भी रद्द किया जाना चाहिए और जिम्मेदार लोगों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।

विपक्ष की ओर से पेपर लीक का मामला चुनाव के दौरान भी उठाया गया। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी हों या समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव उनके चुनावी भाषणों में पेपर लीक और युवाओं के भविष्य का मुद्दा उठाया गया। कांग्रेस ने तो अपने घोषणापत्र में पेपर लीक से जुड़े मामलों का त्वरित अदालतों में निपटारा करने और छात्रों को आर्थिक मुआवजा देने का वादा किया था। नीट से पहले इस साल फरवरी में उत्तर प्रदेश में यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक हो गया था और परीक्षा के दिन सोशल मीडिया पर पेपर वायरल हो गया था। 60 हजार से अधिक सिपाही के पदों के लिए 48 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने परीक्षा दी थी। प्रदेश की योगी सरकार ने फिर से परीक्षा का आदेश दिया लेकिन अभी तक तारीख की घोषणा नहीं की गई है। ऐसे में पेपर लीक, अग्निवीर और रोजगार के मुद्दे पर विपक्ष इस बार कहीं अधिक आक्रामक नजर आएगा।

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