आज हम आपको सरबजोत के बारे में जानकारी देने वाले हैं जिसे पेरिस ओलंपिक में मेडल जीता है! बता दे की वर्तमान में जापान में ओलंपिक गेम्स ऑर्गेनाइज किया जा रहे हैं! जिनमें भारतीय खिलाड़ी मौजूद है और अपने देश का नाम रोशन कर रहे हैं! इसी बीच सरबजोत ने भी पेरिस ओलंपिक में एक मेडल जीत लिया है! बता दें कि मनु भाकर स्वतंत्रता के बाद एक ही ओलिंपिक में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय बन गई जिन्होंने सरबजोत सिंह के साथ पेरिस ओलिंपिक में 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड टीम इवेंट में दक्षिण कोरिया को हराकर इतिहास रच दिया। भारतीय जोड़ी ने कोरिया के ली वोन्हो और ओ ये जिन को 16-10 से हराकर देश को इस ओलिंपिक में दूसरा पदक दिलाया। इससे पहले मनु ने महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में कांस्य जीता था। पंजाब के अंबाला धीन गांव में एक किसान परिवार से आने वाले सरबजोत सिंह खेल में अपनी क्षमताओं के बावजूद अपनी परिपक्वता और शांत स्वभाव के लिए जाने जाते हैं। उनके पिता का नाम जतिंदर सिंह और मां का नाम हरदीप कौर है। उन्होंने चंडीगढ़ के डीएवी कॉलेज से पढ़ाई की है। वो कोच अभिषेक राणा से ट्रेनिंग लेते हैं। सरबजोत सिंह ने समर कैंप के दौरान कुछ बच्चों को एक अस्थायी रेंज में एयर गन चलाते देखा था। वह तब 13 साल के थे और फुटबॉलर बनना चाहते थे।
बच्चों को पिस्तौल से निशाना लगाते देखना उसके दिमाग से नहीं जा पाया । बता दें कि उन्होंने 2014 में पिता से कहा- पिताजी, मैं शूटिंग करना चाहता हूं। उनके पिता जितेंदर सिंह ने अपने बेटे से कहा कि यह खेल बहुत महंगा है। हांलाकि सरबजोत ने शूटिंग खेलने के लिए महीनों तक जोर दिया और उन्होंने 2019 में सुहल में जूनियर विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता। यही नहीं यह उनके करियर का टर्निंग पॉइंट रहा। उनके आत्मविश्वास ने कई विशेषज्ञों को यह विश्वास दिलाया था कि वह ओलिंपिक में पोडियम पर जगह बना सकते हैं। सरबजोत के होनहार करियर की शुरुआत 2019 जूनियर विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक के साथ हुई थी। उन्होंने हांग्जो में 2022 एशियाई खेलों में टीम स्वर्ण और 2023 एशियाई चैंपियनशिप में व्यक्तिगत कांस्य पदक जीतकर प्रभावित करना जारी रखा।
बता दे कि मनु को अभी 25 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में भी उतरना है और उनके पास तीसरा पदक जीतने का भी मौका है। सरबजोत 10 मीटर एयर पिस्टल व्यक्तिगत वर्ग में क्वालीफिकेशन में 577 के स्कोर के साथ नौवें स्थान पर रहे थे और फाइनल में जगह नहीं बना सके थे। मनु और सरबजोत ने क्वालीफिकेशन दौर में 580 स्कोर करके कांस्य पदक के मुकाबले में जगह बनाई थी। अंबाला के निशानेबाज सरबजोत पर व्यक्तिगत वर्ग में नाकाम रहने के बाद अच्छे प्रदर्शन का काफी दबाव था। उन्होंने कहा, ‘मुझे अच्छा लग रहा है। मुकाबला काफी कठिन था और काफी दबाव था।’ तोक्यो ओलिंपिक में मनु पिस्टल में खराबी आने के कारण फाइनल के लिए क्वालीफाई नहीं कर सकी थी, लेकिन यहां दो पदक जीतकर उन्होंने हर जख्म पर मरहम लगा दिया।
बता दे कि भारत की शुरुआत खराब रही जब सरबजोत का पहला शॉट 8-6 रहा लेकिन मनु ने 10-2 बनाया। कोरियाई जोड़ी ने कुल 20-5 स्कोर करके 2-0 की बढत बना ली। बता दें कि मिश्रित टीम वर्ग में पहले 16 अंक तक पहुंचने वाली टीम विजयी रहती है। पहला सेट हारने के बाद मनु ने लगातार अच्छा प्रदर्शन करते हुए सिर्फ तीन बार 10 से कम स्कोर किया। इसके बाद से कोरियाई टीम के लिये वापसी करना मुश्किल हो गया था।