आज हम आपको बताएंगे कि सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को जमानत किन शर्तों पर दी है! जानकारी के लिए बता दे की 10 मई 2024 को देश के सुप्रीम कोर्ट द्वारा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को चुनावी प्रचार प्रसार करने के लिए लगभग 20 दिन की अंतिम जमानत दे दी गई है! लेकिन वह जमानत एक सशर्त जमानत है! बता दे कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली। शीर्ष अदालत ने केजरीवाल की अंतरिम जमानत का आदेश दिया है। इसके बाद केजरीवाल जेल से रिहा हो चुके हैं। अदालत ने 1 जून तक अंतरिम जमानत को मंजूरी दे दी है। दिल्ली के सीएम को 2 जून को सरेंडर करना होगा। इससे पहले केजरीवाल की तरफ से 5 जून तक की जमानत का अनुरोध किया गया था। वहीं, दिल्ली आबकारी नीति में कथित घोटाले को लेकर ईडी ने सीएम केजरीवाल की जमानत का विरोध किया था। कोर्ट के आदेश के बाद अरविंद केजरीवाल लोकसभा चुनाव में प्रचार कर सकेंगे। दिल्ली में 25 मई को लोकसभा की सभी सात सीटों के लिए वोटिंग होनी है। ऐसे में जेल से रिहा होने के बाद केजरीवाल पर पार्टी के लिए चुनाव प्रचार करने पर कोई रोक नहीं होगी। 1 जून को लोकसभा के अंतिम चरण का मतदान है। ऐसे में वे अन्य राज्यों में भी पार्टी के लिए वोट मांग सकेंगे। इससे पहले कोर्ट ने कहा कि केजरीवाल को 21 दिन के लिए अंतरिम जमानत देने से कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा। पीठ ने कहा कि ईडी की ‘प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट’ अगस्त 2022 में दर्ज की गई थी जबकि मुख्यमंत्री को इस साल 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया। कोर्ट ने हालांकि, अंतरिम जमानत के साथ शर्त भी रखी है।
पहली शर्त ये कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 50,000 रुपये के जमानत बांड और इतनी ही राशि की जमानत देनी होगी। इससे जेल सुपरिटेंडेंट को संतुष्ट होना होगा। यही नहीं अरविंद केजरीवाल को सीएम कार्यालय और दिल्ली सचिवालय में जाने पर रोक लगा दी गई है। हम आपको बता दे की इसी के साथ अरविंद केजरीवाल अपनी ओर से दिए गए बयान से बाध्य होंगे कि वह आधिकारिक फाइलों पर तब तक हस्ताक्षर नहीं करेंगे जब तक कि यह आवश्यक न हो और दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना की मंजूरी/अनुमोदन प्राप्त करने के लिए आवश्यक न हो। एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल को निर्देश दिया गया है कि वह चल रहे मामले, विशेष रूप से दिल्ली शराब नीति मामले में अपनी भागीदारी के बारे में कोई टिप्पणी न करें, जिसके लिए 21 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से उन्हें गिरफ्तार किया गया था। अरविंद केजरीवाल को किसी भी गवाह के साथ बातचीत करने और/या दिल्ली शराब पुलिस मामले से जुड़ी किसी भी आधिकारिक फाइल तक पहुंचने से प्रतिबंधित किया गया है।
बता दे कि दिल्ली में 25 मई को लोकसभा चुनाव के लिए वोट डाले जाएंगे। इस चुनाव के बीच शुक्रवार को आम आदमी पार्टी के लिए सबसे अच्छी खबर सुप्रीम कोर्ट से आई। इस खबर ने ना सिर्फ पार्टी कार्यकर्ताओं की मुराद पूरी की बल्कि इस चुनाव में विपक्षी गठबंधन की खुशी के लिए एक और मौका दे दिया। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली आबकारी नीति में कथित घोटाला मामले में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत मंजूर कर ली। इस आदेश के बाद केजरीवाल अब जेल से बाहर आ चुके हैं। केजरीवाल 1 जून तक जेल से बाहर ही रहेंगे। खास बात है कि सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें चुनाव प्रचार की अनुमति दे दी है।
सूत्रों से पता चला है कि जेल से रिहा होने के बाद अरविंद केजरीवाल का पटाखों, ढोल के साथ स्वागत किया गया। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने जेल से रिहा होने के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं में नई जान फूंक दी है। केजरीवाल ने रिहा होने के साथ ही केंद्र और बीजेपी पर जोरदार हमला बोला। अब केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी अपने लोकसभा चुनाव कैंपने के लिए एक स्पष्ट दिशा और एक फिर से सक्रिय कैडर के साथ नए सिरे से रणनीति बनाएगी। खास बात है कि केजरीवाल की रिहाई का असर तीन राज्यों की उन 18 लोकसभा सीटों पर पड़ेगा जहां, आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। इसमें दिल्ली की चार, पंजाब की 13 और हरियाणा की एक सीट शामिल हैं।
अरविंद केजरीवाल की जेल वापसी पर आम आदमी पार्टी के एक सीनियर लीडर ने कहा कि यह हमारे लिए एक अहम कदम है। हमने अब तक अच्छा प्रचार किया है। उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले उनकी गिरफ्तारी का मुद्दा जनता की अदालत से लेकर कानून की अदालत तक हर मंच पर उठाया गया है। आप नेता ने कहा कि यह कोई रहस्य नहीं है कि वह हमारे सबसे अच्छे वक्ता हैं। आप के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ”जो कुछ भी सामने आ रहा है, वह उसे करीब से देख रहे हैं और जमीन उनके धारदार प्रचार का असर देखने को मिलेगा। केजरीवाल की तरफ से दिल्ली में इलेक्शन कैंपेन को सुव्यवस्थित करने की भी उम्मीद है। दिल्ली में कांग्रेस और आप नेताओं के बीच चुनाव प्रचार को लेकर कई समन्वय बैठकें हुई हैं। हालांकि, दोनों पार्टियों के बीच तालमेल कुछ ही सीटों पर देखने को मिला है।